असम के मुख्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा इन दिनों भाजपा के उभरते हुए लोकप्रिय किरदार बनते जा रहे हैं और लगातार इस किरदार को निभाने के क्रम में भाजपा के स्तंभ साबित हो रहे हैं।
जब गुजरात में भाजपा चुनाव की रणनीति बनाने में सक्रिय थी तो तमाम नेताओं को गुजरात जाकर प्रचार प्रसार करने की ज़िम्मेदारी सौंपी थी पर आम तौर पर हिंदी प्रदेशों में इस काम के लिए अब तक उत्तर पूर्व के नेताओं को ही यह जिम्मेदारी दी जाती थी लेकिन आश्चर्ज तो तब हुआ जब गुजरात से हिमंता को स्वयं बुलाया गया।।असल में गुजरात की जनता हिमंता को सुनना चाहती थी।
जब असम के बुलंद छवि वाले मुख्यमंत्री ने गुजरात जाकर प्रचार प्रसार करना शुरू किया तो वहां जनता के साथ साथ पार्टी के कार्यकर्ता का बेहतरीन रिस्पॉन्स देखने को मिला।लगातार हिम्नता के रैलियों में भीड़ देखी गई। कई बार विवादग्रस्त बयान भी उन्होंने दिए पर भाजपा में जिस तरह से उनका कद बढ़ रहा है यह चर्चा का विषय बनता जा रहा है।
पिछले दिनों बिहार लोकपर्व के अवसर पर हिमंता ने मैथिली में ट्वीट किया जिसको लेकर बिहार की जनता के बीच उनकी सुन्दर छवि बनी और भाजपा का जबरदस्त प्रचार प्रसार अलग से हुआ।
ऐसा कयास लगाया जा रहा है २०२४ का लोकसभा आम चुनाव में हिमंता एक स्टार प्रचारक हो सकता हैं।साथ ही हिमंता आने वाली पीढ़ी के एक अहम नेता के रूप में भी अपना कद स्थापित कर सकते हैं।
यही एक बड़ी वजह है की आसाम के मुख्यमंत्री इन दिनों अपनी हिंदी भाषा को उत्कृष्ट करने में लगे हुए हैं ताकि वो हिंदी प्रदेश की जनता की आत्मा और भावनाओं में अपनी महत्वपूर्ण जगह बना सकें
सच तो यह है की भाजपा की ऊपर से नीचे तक की पूरी ताकत से जुझारू होकर लड़ने की प्रक्रिया हाल के वर्षों में भाजपा पार्टी की सफलता का बड़ा कारण रहा है।
गुजरात विधान सभा चुनाव में बागी और नाराज नेताओं को मनाने में खुद प्रधानमंत्री मोदी लगे हैं।।
हाल ही में सूरत और अहमदाबाद में लंबा रोड शो करने के बाद मोदी ने सभी नेताओं से सुलह मशविरा किया।इससे पार्टी के अंदर नई ऊर्जा और उत्साह आया।
असम के मुख्यमंत्री इस नई ऊर्जा और उत्साह के उभरते पोस्टर बॉय हैं।देखना यह है की भाजपा का उभरता यह सितारा हिंदी पट्टी में आने वाले चुनाव क्या गुल खिला सकता है।