वैसे तो ISRO द्वारा गगनयान भारत के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 2022 में ही लॉन्च करने की योजना बनाई गई थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी और लॉकडॉन की वजह से गगनयान को लॉन्च करने में देरी हो रही है।
ISRO ने मानव अंतरिक्ष मिशन को लॉन्च करने की कवायद को फिर से तेज़ी से बढ़ाने में सक्रिय हो गया है।
ऐसा कयास लगाया जा रहा है गगनयान मिशन 2024 के आखरी महीनों में लॉन्च हो सकता है।
ISRO इन दिनों पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए सिस्टम डेवलपमेंट और परीक्षण में महती भूमिका निभा रहा है।
इस बाबत विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा 21 दिसंबर को कहा की “भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान H1 मिशन को 2024 के अंतिम महीनों में लॉन्च करनेंका लक्ष्य रखा गया है।चालक दल की सुरक्षा इस मिशन में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
श्री जितेंद्र सिंह ने आगे कहा H1 मिशन से पहले व्हीकल मिशन की योजना बनाई गई है और 2024 के अंतिम महीनों में इसे लॉन्च करने की योजना बनाई गई है।
इस महत्वपूर्ण मिशन को साफलतापूर्वक कामयाब करने की दिशा में भारतीय वायु सेना द्वारा चुने गए अंतरिक्ष यात्री अभी बेंगलुरु में मिशन से जुड़ी ट्रेनिंग ले रहे हैं।
सभी चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों ने पहले चरण की ट्रेनिंग और प्रशिक्षण पहले ही पूरा कर लिया है। इस ट्रेनिंग में खास कर अन्तरिक्ष यात्रियों इस मिशन की सिद्धांत से जुड़ी मूल बातें,स्पेस मेडिसिन लॉन्च वाहन,स्पेस क्राफ्ट सिस्टम और ग्राउंड सपोर्ट इन्फ्रास्ट्रकचर पर कोर्स मॉड्यूल से गुजरना शुरू कर दिया है।
इसके अतिरिक्त नियमित शारीरिक फिटनेस सेशन, एयरोमेडिकल ट्रेनिंग ,फ्लाइंग प्रैक्टिस का भी हिस्सा है।
चालक दल के प्रशिक्षण का दूसरा सेमेस्टर अभी प्रगति पर है। पिछले महीने नवंबर में ISRO ने अपने क्रू मॉड्यूल डिक्लेरेशन का इंटीग्रेटेड मेन पैराशूट एयर ड्रॉप टेस्ट का आयोजन किया था।
जानकारों के मुताबिक ISRO ने यह मैसेज दिया था की मिशन में दो साल की देरी हो सकती है क्योंकि ISRO उस सिस्टम को बेहतरीन बनाने की कोशिश कर रहा है जो मिशन को लॉन्च करेगा और भारतीयों को अंतरिक्ष में ले जाएगा।