उत्तर प्रदेश में  नए साल 2023  से राजनितिक दलों को चुनावी रैली या अन्य सार्वजनिक कार्य  करना महंगा पड़ेगा।

नए साल 2023 से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए बड़े सार्वजनिक स्थलों या मैदानों में आयोजन के लिए चार्ज किए जाने वाले फीस में  बढ़ोतरी कर दी गई है।
अब नए साल में  सभी राजनीतिक दलों को रैली की अनुमति के साथ ज्यादा शुल्क देना पड़ेगा। यूपी सरकार के शुल्क बढ़ाने का सबसे ज्यादा असर और नुकसान छोटे दलों पर पड़ सकता है।
वैसे इन मैदानों पर राजनीतिक कार्यक्रमों का आयोजन अक्सर बडे़ दलों की महारैली यानी मेगा रैली के लिए होती है। बड़ी –  बड़ी पार्टियों की राष्ट्रीय अधिवेशन, शपथ ग्रहण समारोह  जैसे बड़े राजनीतिक  महोत्सव  भी यहां आयोजित किए जाते हैं। योगी आदित्य नाथ का शपथ ग्रहण समारोह भी लखनऊ में  भव्य तरीके से हुआ था। हाल ही में समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन भी यहां संपन्न हुआ था।
स्मारक समिति ने  रमा बाई स्थल का किराया   1.68 से  बढ़ाकर 8.48  लाख प्रतिदिन कर दिया है। स्मृति उपवन का किराया 1.35 लाख से बढ़ा कर 3.84 लाख रुपए कर दिया है।
डोरमेट्री रैन बसेरा और बसों के प्रतिदिन पार्किंग शुल्क में काफी बढ़ोतरी की है।
प्रस्तावित किराए में 10 फीसदी जमानत राशि और 18 फीसदी जीएसटी भी शामिल होगा। 2023 के अप्रैल माह से नया किराया लागु होगा।
प्रशासन समिति का यह तर्क है कि इन स्थलों के रख रखाव  साफ सफाई।के अलावा आयोजन से जुड़े इंतजामों के लिए भी उन्हें व्यवस्था करनी पड़ती है।
ऐसे में बढ़ती महगाई और कर्मचारियों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी को देखते हुए शुल्क बढ़ोतरी का होना स्वाभाविक है।हालांकि देखना यह होगा कि कहीं विपक्षी दलों की ओर से इसको लेकर कोई विरोध तो नहीं किया जाता।

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