दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को 46% महिला वोटर के साथ साथ विकसित दिल्ली के अनेकानेक चुनौतियों का सामना करना होगा।

एडिटोरियल कुमारी रंजना,प्रधान संपादक, द मीडिया टाइम्स।
दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में रेखा गुप्ता का चुनाव भाजपा आला कमान के द्वारा प्रस्तावित करना देशवासियों थोड़ा चौकाया जरूर होगा लेकिन अप्रत्याशित नहीं था।वैसे इस रेस में कई कद्दावर राजनीतिक हस्ती जरूर थे खासकर प्रवेश वर्मा की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही थी पर दिल्ली को एक महिला मुख्यमंत्री देना इसके कई कारण हैं, भाजपा का महिला सशक्तिकरण के साथ साथ महिलाओं को अहम पदों पर काबिज कर उनके नेतृत्व क्षमता को समाज के सामने एक उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत करना ताकि महिलाओं में आत्म विश्वास और शक्ति का संचार हो सके। लिंग समानता समाज में बढ़े।

वैसे देखा जाए तो रेखा गुप्ता के राजनीतिक जीवन की शुरुआत मात्र 22 वर्ष की उम्र से ही हो गई थी।रेखा गुप्ता का राजनीतिक करियर प्रभावशाली रहा है। भाजपा में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य उन्होंने किया है। भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ ही नगर निगम चुनावों में भाजपा की ओर से महापौर पद की उम्मीदवार भी थीं। राजनीतिक यात्रा दिल्ली विश्वविद्यालय से शुरू हुई, जहां उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ में महासचिव रहीं। इसके बाद उन्होंने भाजपा में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए पार्टी में उच्च पदों तक का सफर तय किया और एक अनुभवी नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई।

रेखा गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को एक-एक पैसा का हिसाब देना होगा। अपनी सरकार को लेकर बोलीं, विकसित दिल्ली का जो वादा किया है उसको पूरा करेंगे। एक भी दिन व्यर्थ नहीं किया जाएगा।

रेखा सरकार के सामने ढेर सारी चुनौतियां, यमुना सफाई एक बहुप्रचारित मुद्दा, विकाश और युवाओं के रोजगार से लेकर महिला सुरक्षा आदि अनेकानेक मुद्दे हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की कमान एक महिला को मिली है, अब देखना यह है कि रेखा गुप्ता इस पद की गरिमा को संजोते हुए दिल्ली को पांच वर्षों के कार्य काल में किस हद तक विकाश के मार्ग पर ले जाती हैं?तमाम समस्याओं के समाधान को लेकर कितनी संवेदना व्यक्त करती हैं? यमुना को एक स्वच्छ नदी के रूप में जीवन देने के लिए कितनी ईमानदार इच्छाशक्ति के साथ काम कर पाती है? ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि केंद्र और प्रदेश सरकार के बीच यह नया तालमेल शासन और सत्ता की जिम्मेदारी को निभाने में निर्णायक भूमिका साबित होगा।

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