मांझी के बहाने भाजपा की निगाहें राज्य के 16 फीसदी दलित मतदाताओं पर है। दलित मतदाताओं को साधने के लिए पार्टी लोजपा के दोनों धड़े को पहले ही साध चुकी है। चूंकि मांझी की अपने स्वजातीय मतदाताओं में गहरी पैठ है, ऐसे में भाजपा को लोकसभा चुनाव में इससे बड़ा सियासी लाभ मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा पार्टी ने कुशवाहा बिरादरी में पैठ के लिए उपेंद्र कुशवाहा को तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वजातीय कुर्मी वोट बैंक में सेंध के लिए उनके करीबी रहे आरसीपी सिंह को साधा है।
भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) आज से भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ है। बिहार में हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
बैठक में हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन भी मौजूद थे। इससे पहले जीतनराम मांझी ने बेटे संतोष सुमन संग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से पार्टी इस बार 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। शेष 10 सीटों में छह सीटें लोजपा के दोनों धड़ों को, तीन सीटें उपेंद्र कुशवाहा को और एक सीट मांझी को दी जाएगी। हालांकि, पार्टी ने भावी परिस्थितियों के अनुरूप एक-दो सीटें छोड़ने की भी गुंजाइश रखी है।
आज से भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ है। बिहार में हम मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। वहीं, मांझी के बेटे संतोष सुमन ने कहा कि भाजपा नेतृत्व के साथ उनकी मुलाकात काफी सकारात्मक रही। हम साथ मिलकर काम करेंगे और आने वाले समय में शोषितों, वंचितों और दलितों के लिए लड़ेंगे।