कुमारी रंजना प्रधान संपादक द मीडिया टाइम्स।
आज हमारे देश में होटल और ट्रैवल बुकिंग के लिए कई स्टार्टअप ग्रुप सक्रिय रूप से कार्य करके करोड़ों रुपये आम लोगों से कमाई करने में लगी है पर सच्चाई इसके विपरीत है.
OYO होटल बुकिंग प्लेटफॉर्म देश के किसी भी होटल में आपके लिए रूम बुक करती है लेकिन जब आप उस होटल में पहुँचते हैं तो होटल मनेजर यह बताता है की हमारे यहाँ रूम बुकिंग फुल है.आप किसी अन्य होटल में जाइए. फिर गंतव्य स्थान पर पहुँच कर लोगों की परेशानी शुरू हो जाती है.
ऐसी ही एक वाक्या अभी गोवा में देखने को मिली.विजिटर ने “आरामबोल इन” नाम के गोवा के आरामबोल बीच के निकट एक होटल में बुकिंग OYO के माध्यम से कराई थी। होटल में पहुँच कर यह पता लगा सारे रूम फुल हैं, उक्त विजिटर को किसी और होटल में जाने की सलाह उस होटल के मैनेजर अभिषेक ने दिया। YOY से मैनेजर का घंटो बहस चलता रहा। विजिटर ने एडवांस में OYO को बुकिंग चार्ज भी दिया था। OYO काल सेंटर में होटल मैनेजर का गाली गलाज चलता रहा। होटल मैनेजर ने उक्त विजिटर को किसी तरह दूसरे होटल में भेजने का इंतजाम किया।
अब मुद्दा यहाँ पर यह उठता है की आखिर OYO जैसे चर्चित बुकिंग प्लेटफॉर्म इस तरह का फेक बुकिंग क्यों कर रहा है? क्या सरकार का कोई नीयमं इनके उपर लागू नहीं होता? क्या ऐसे बुकिंग प्लेटफॉर्म स्टार्टअप होने का फायदा उठा रहे हैं?
होटल कस्टमर से मोटी रकम लेने के चक्कर में ये प्लेटफॉर्म इस बात का ध्यान नहीं रखते की बाजार में उनकी विस्वस्नियता घट रही है। मीडिया टाइम्स सरकार, होटल इंडस्ट्री और OYO जैसे बुकिंग प्लेटफॉर्म के कानून बनाने वालों का ध्यान इस ओर इंगित करना चाहती है ताकि इनपर लगाम लगाया जा सके।