फ़िल्म समीक्षा: चंदू चैंपियन

द मीडिया टाइम्स – सिन्हा जी 

निर्देशक: कबीर खान 

अभिनेता: कार्तिक आर्यन, विजय राज, श्रेयस तलपड़े, यशपाल शर्मा, सोनाली कुलकर्णी, राजपाल यादव, अनिरुद्ध दवे

श्रेणी: हिंदी, बायोपिक

अवधि: 2 Hrs 23 Min

कहानी की संक्षिप्त झलक

‘चंदू चैंपियन’ मुरलीकांत पेटकर की प्रेरणादायक जीवन यात्रा पर आधारित है, जो भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता बने। फ़िल्म की शुरुआत मुरलीकांत के बुजुर्ग रूप से होती है, जहां वे पुलिस स्टेशन में राष्ट्रपति पर अर्जुन पुरस्कार के लिए केस दर्ज कराने जाते हैं। वहां से कहानी फ्लैशबैक में जाती है, जहां दर्शकों को मुरलीकांत के संघर्षों से भरी ज़िंदगी का सफर दिखाया जाता है। बचपन में गांव में “खोटा सिक्का” कहे जाने वाले मुरलीकांत कैसे एक ओलंपिक चैंपियन बनने का सपना देखते हैं और सेना में भर्ती होकर एक उत्कृष्ट बॉक्सर बनते हैं। हालांकि, 1965 की जंग में 9 गोलियां लगने से लकवाग्रस्त हो जाने के बाद भी उनका जुनून बरकरार रहता है, और वह तैराकी के जरिये पैरालंपिक में गोल्ड जीतकर देश का नाम रोशन करते हैं।

फ़िल्म का सार

फ़िल्म न केवल मुरलीकांत के जीवन के उतार-चढ़ाव को दिखाती है, बल्कि उनके कभी हार न मानने वाले जज्बे का जश्न भी मनाती है। कबीर खान ने मुरलीकांत की कहानी को बिना किसी महिमा मंडन के बड़े सलीके से पेश किया है। 1950 से लेकर 2018 तक की कहानी का कालखंड बहुत सुंदर तरीके से बुना गया है। वॉर और बॉक्सिंग के दृश्य असाधारण हैं, और मुरलीकांत के आंतरिक संघर्ष को बहुत ही प्रभावशाली ढंग से दर्शाया गया है।

कार्तिक आर्यन का दमदार प्रदर्शन

कार्तिक आर्यन ने मुरलीकांत पेटकर के किरदार में एक नई ऊर्जा भर दी है। उन्होंने इस किरदार के शारीरिक और मानसिक पहलुओं को बखूबी निभाया है। 18 किलो वजन कम करके और दो साल की कड़ी मेहनत से, उन्होंने पहलवान से लेकर पैरालंपिक तैराक बनने तक के सफर को जीवंत किया है। उनके इमोशन्स की गहराई और संघर्ष का दर्द स्क्रीन पर साफ झलकता है, जिससे दर्शक किरदार के साथ जुड़ जाते हैं।

अन्य कलाकारों में अनिरुद्ध दवे (मुरलीकांत के भाई) और भुवन बाम (मुरलीकांत के दोस्त) ने भी अपने किरदारों में जान डाल दी है। विजय राज (टाइगर अली) और श्रेयस तलपड़े (इंस्पेक्टर सचिन कांबले) ने भी अपने अपने किरदारों को बेहतरीन तरीके से निभाया है।

कहानी के विशेष पहलू

क्यों देखें:

  1. प्रेरणादायक कहानी: ‘चंदू चैंपियन’ सिर्फ एक बायोपिक नहीं, बल्कि एक ऐसी कहानी है जो हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पाने के लिए संघर्ष कर रहा है।
  2. कार्तिक आर्यन का अभिनय: इस फिल्म में कार्तिक आर्यन ने अपने करियर की बेस्ट परफॉर्मेंस दी है। उनका ट्रांसफॉर्मेशन और इमोशनल कनेक्ट दर्शकों को बांधे रखता है।
  3. कबीर खान का निर्देशन: कबीर खान ने बायोपिक को अत्यधिक नाटकीय बनाए बिना वास्तविकता का स्पर्श दिया है। उनकी दिशा में युद्ध, बॉक्सिंग और स्विमिंग सीन्स दमदार हैं।
  4. समर्थ कलाकारों की टीम: फिल्म में हर कलाकार ने अपने हिस्से का काम बखूबी निभाया है, चाहे वह विजय राज हों या श्रेयस तलपड़े।

कुछ कमी: 

फिल्म में मुरलीकांत की निजी जिंदगी और उनके परिवार के पहलुओं को ज्यादा नहीं दिखाया गया, जो दर्शकों को उनकी निजी चुनौतियों के प्रति और करीब ला सकता था। फिल्म का संगीत उतना प्रभावी नहीं है, और कुछ हिस्सों में कहानी धीमी पड़ जाती है। लव एंगल की कमी भी कुछ दर्शकों को खल सकती है, परंतु फिल्म की मुख्य कहानी इतनी प्रेरणादायक है कि ये छोटी कमियां ज्यादा महसूस नहीं होतीं।

निष्कर्ष

‘चंदू चैंपियन’ एक ऐसी फ़िल्म है जो आपको आपके सपनों और संघर्षों के प्रति एक नई दृष्टि देती है। यह फिल्म न केवल मुरलीकांत पेटकर के साहस और दृढ़ निश्चय की गाथा है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि चाहे दुनिया कुछ भी कहे, अगर आप हार नहीं मानते तो आपकी जीत निश्चित है। प्रेरणादायक कहानी, कार्तिक आर्यन का दमदार अभिनय और कबीर खान का निर्देशन इस फिल्म को अवश्य देखने योग्य बनाते हैं।

रेटिंग: ★★★★☆ (4/5)

One thought on “फ़िल्म समीक्षा: चंदू चैंपियन

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