कुमारी रंजना मुख्य संपादक
महाराष्ट्र में इस बार का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। दरअसल, शिवसेना और एनसीपी दो धड़ों में बंटने के बाद पहले बार विधानसभा चुनावों में आमने सामने होगी। उद्धव गुट की शिवसेना और शरद पवार गुट की एनसीपी जहां महा विकास अघाड़ी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी तो वहीं शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार गुट की एनसीपी महायुति गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेंगे।
बता दें कि चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था और 48 में से 30 सीटें जीती थीं। वहीं भाजपा नीत महायुति गठबंधन ने केवल 17 सीटें जीती थीं। हालांकि, हरियाणा में चुनाव जीतने के बाद भाजपा का जोश फिर हाई होगा। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, हमें देखने को मिल रहा है कि प्रतिद्वंद्वी पार्टियों में मन मुटाव बढ़ता जा रहा है।
चुनाव की घोषणा होते ही, नेताओं के बीच टिकट बंटवारे को लेकर खींचतान शुरू हो जाती है। हर पार्टी में अपने-अपने नेता और कार्यकर्ता होते हैं, जो चाहते हैं कि उन्हें चुनाव में टिकट मिले। लेकिन जब कई लोग एक ही सीट के लिए दावेदारी करते हैं, तो वहां पर तनाव बढ़ जाता है।
इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। पार्टियों के अंदर ही मतभेद उभरने लगे हैं। कुछ नेता एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, और यह सब चुनावी माहौल को और भी गर्म कर रहा है।
आपको पता है, जब टिकट बंटवारे की बात आती है, तो कई बार पुराने साथी भी एक-दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं। यह स्थिति न केवल नेताओं के लिए, बल्कि उनके समर्थकों के लिए भी मुश्किल होती है।