द मिडिया टाइम्स डेस्क
भारत निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। इस घोषणा के साथ ही राजनीतिक पार्टियां चुनावी मोड में पूरी तरह से सक्रिय हो गई हैं। चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले, सत्तारूढ़ महायुति, जिसमें बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी शामिल हैं, ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिन्हें वह चुनाव के दौरान भुनाने का प्रयास करेगी।
महायुति के प्रमुख मुद्दों में मुख्यमंत्री ‘माझी लाडकी बहिन’ योजना शामिल है, जो महिलाओं के सशक्तिकरण पर केंद्रित है। इसके अलावा, मदरसा शिक्षकों की वेतन बढ़ोतरी, तीन मुफ्त सिलेंडर, और मुंबई में हल्के वाहनों को टोल फ्री करने जैसे फैसले भी महत्वपूर्ण हैं। ओबीसी के क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाने का मुद्दा भी महायुति के चुनावी एजेंडे में शामिल है।
साथ ही, ब्राह्मण, राजपूत और कुनबी जातियों को साधने के प्रयास के तहत भी कुछ फैसले लिए गए हैं। ये सभी मुद्दे महायुति के लिए चुनावी मैदान में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
इस प्रकार, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति के सामने कई चुनौतियाँ और अवसर हैं। अब देखना यह है कि ये मुद्दे मतदाताओं पर कितना प्रभाव डालते हैं और चुनाव परिणामों को कैसे प्रभावित करते हैं। वही झारखंड में चुनाव की तारीखों का भी ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग ने आज दोनों राज्यों में वोटिंग की तारीखों की घोषणा की
महाराष्ट्र में एक, झारखंड में दो चरण में चुनाव
(Maharashtra Vidhan Sabha Election 2024 Dates) में एक चरण में 20 नवंबर को चुनाव होंगे। वहीं झारखंड में 2 चरणों में 13 और 20 नवंबर को चुनाव होंगे।
कब आएंगे नतीजें?
चुनाव आयुक्त की घोषणा के अनुसार, महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी परिणाम एक साथ 23 नवंबर को आएंगे।