आदि महोत्सव का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा जनजातीय समाज का हित उनके लिए व्यक्तिगत रिश्ते और भावनाओं का विषय है।
आदि महोत्सव मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में 16 से 27 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है।
आगे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश गर्व के साथ जनजातीय आबादी के लिए काम कर रहा है। द्रौपदी मुर्मू के रूप में पहली बार एक जनजातीय समाज की एक महिला ने शीर्ष संवैधानिक पद को संभाला है । जनजातीय समाज के लिए बजटीय आवंटन 2014 के बाद कई गुना बढ़ा दिया गया है।
इस उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए उठाए गए सरकार द्वारा कदम का व्यापक रूप से उल्लेख किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली और देश के सभी राज्यों के लोगों का आह्वान किया कि वे इस आदि महोत्सव का दौरा करें और देश भर की जनजातीय संस्कृति का अनुभव ले। सभी लोग यहां आकर उनके द्वारा निर्मित खाद्य पदार्थों को देखें और यह सुनिश्चित करें कि वह अपने सभी उत्पादों को बेच सकें।
सरकार का पूरा प्रयास इन जनजातियों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का, है सच तो यह है कि जनजातियों ने देश की स्वतंत्रता के आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी लेकिन दशकों से इस समुदाय द्वारा किए गए बलिदानों को नजरअंदाज किया जा रहा था। आगे मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने आदिवासी उत्पादों की मांग को बढ़ावा देने के लिए काम किया है। आज देश में 1.25 करोड़ से ज्यादा जनजाति विशेष रूप से महिलाएं 80 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह का हिस्सा है।
आदि महोत्सव विविधता में एकता के भारतीय सामर्थ्य को ऊंचाई देने वाला है। यह महोत्सव विकास और विरासत के विचार को अधिक जीवंत बना रहा है जो पहले खुद को दूर सुदूर समझता था अब सरकार उसके दर पर जा रही है और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ रही है। एक r.s.s. कार्यकर्ता के रूप में और बीजेपी के कार्यकर्ता के रूप में मैंने इस समुदाय के बीच जाकर काम किया है इसलिए आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत रिश्तो और भावनाओं का विषय है।