इस्लामाबाद, 26 फरवरी 2025 – पाकिस्तान में विवादित उपदेशक ज़ाकिर नाइक के स्वागत को लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। कट्टरपंथी विचारधारा के लिए कुख्यात नाइक को पाकिस्तान सरकार ने न केवल विशेष मेहमान बनाया, बल्कि उसे वीआईपी सुरक्षा भी मुहैया कराई गई है। इस फैसले से देशभर में आक्रोश फैल गया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की आलोचना हो रही है।
सूत्रों के अनुसार, ज़ाकिर नाइक को गुप्त योजना के तहत विशेष विमान से इस्लामाबाद लाया गया, जहां सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारियों और धार्मिक नेताओं ने उसका भव्य स्वागत किया। उसे कड़ी सुरक्षा के बीच एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है, जहां वह अपने समर्थकों से मुलाकात कर रहा है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार ने उसे विशेष सुरक्षा घेरा प्रदान किया है और सेना तथा खुफिया एजेंसियां उसकी निगरानी कर रही हैं।
ज़ाकिर नाइक पर कई देशों में कट्टरपंथी और भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं। वह लंबे समय से भारत में वांछित है और उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। भारत सरकार लगातार उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है, लेकिन पाकिस्तान ने उसे शरण देकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान इस कदम के जरिए अपने कट्टरपंथी संगठनों को खुश करना चाहता है, जबकि इससे देश की वैश्विक छवि को गहरा धक्का लगा है।
इस्लामाबाद में ज़ाकिर नाइक की मौजूदगी की खबर फैलते ही कई संगठनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के उदारवादी तबकों ने सरकार पर सवाल उठाए हैं कि आखिर एक विवादित उपदेशक को इतनी विशेष सुविधाएं क्यों दी जा रही हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान में चरमपंथ को बढ़ावा देने वाला साबित हो सकता है, जिससे देश की पहले से ही बिगड़ी कानून व्यवस्था और कमजोर होगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस घटना ने हलचल मचा दी है। भारत समेत कई देशों ने पाकिस्तान के इस कदम पर निंदा व्यक्त की है। भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है और ज़ाकिर नाइक को सौंपने की मांग दोहराई है। भारत का कहना है कि नाइक आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला व्यक्ति है और उसे पाकिस्तान में शरण देना साफ दर्शाता है कि इस्लामाबाद अब भी कट्टरपंथियों को संरक्षण देने की नीति पर चल रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के इस फैसले का असर उसकी कूटनीतिक स्थिति पर पड़ सकता है। पहले से ही अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा पाकिस्तान अब नए विवाद में फंस गया है। कई देशों से आर्थिक सहायता की उम्मीद लगाए बैठी पाकिस्तानी सरकार को इस कदम की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
जनता के बीच भी इस मुद्दे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर लोग पाकिस्तान सरकार की कड़ी आलोचना कर रहे हैं और इसे देश की छवि धूमिल करने वाला कदम बता रहे हैं। कई लोगों ने सरकार से मांग की है कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करे और कट्टरपंथियों को शरण देने की नीति को खत्म करे।
इस बीच, पाकिस्तान सरकार ने अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों से यह स्पष्ट हो रहा है कि ज़ाकिर नाइक को किसी महत्वपूर्ण मकसद के लिए बुलाया गया है। अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान इस विवाद से कैसे निपटता है और क्या वह अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुककर ज़ाकिर नाइक को भारत को सौंपता है या फिर उसे अपने यहां संरक्षण देकर नए विवादों को जन्म देता है।
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