द मीडिया टाइम्स डेस्क
मध्य प्रदेश : खंडवा रेलवे स्टेशन पर बिहार के रहने वाले एक युवक ने ट्रेन के सामने लेट कर अपनी जान दे दी । हालांकि इस युवक को आत्महत्या करने से पहले चले करीब 6 घंटे के घटनाक्रम में, दो बार अपनी जान देने से बचाया गया था । लेकिन आत्महत्या करने की ठान कर निकले इस युवक को अंत में अपनी जान देने से रोका नहीं जा सका, और उसने कुछ घंटे के भीतर किये अपने तीसरे आत्महत्या के प्रयास में जीवन लीला समाप्त कर ली । हालांकि घर से दूर मजदूरी करने जा रहे 18 वर्षीय इस युवक को, सही तरह से काउंसलिंग कर बचाया जा सकता था । वहीं अपने अंतिम प्रयास के ठीक पहले यह युवक पुलिस थाने तक भी पहुंचाया गया था । बावजूद इसके, सम्भवतः सही तरह से काउंसलिंग न होने के चलते युवक ने अंत में आत्मघाती कदम उठा लिया । जिसको लेकर इस तरह के मामलों को सुलझाने की पुलिस की संवेदनशीलता पर भी प्रश्न चिन्ह लगता दिखाई देता है ।
खंडवा नगर के जिला अस्पताल में भर्ती एक युवक ने शनिवार को अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया । उसने चाकू से अपना गला काटने का प्रयास किया । हालांकि इसी बीच सुरक्षाकर्मियों की नजर उस पर पड़ते ही, उसके हाथ से चाकू छुड़ाकर अस्पताल चौकी में मौजूद पुलिस को सूचना दी गयी । लेकिन मिली जानकारी के अनुसार पुलिसकर्मियों ने अपनी व्यस्तता बताते हुए सुरक्षाकर्मियों को ही इस युवक को थाने ले जाने की सलाह दे डाली । जिसके बाद अस्पताल का सुरक्षाकर्मी अनिल मालाकार इस युवक को लेकर शहर के मोघट थाने पहुंचा, जहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने युवक से उसके संबंध में पूछताछ की और सुरक्षाकर्मी मालाकार से घटना के संबंध में लिखवाया गया ।
इस तरह हुई आत्महत्या के तीसरे प्रयास में मौत –
वहीं बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने युवक से उसका नाम पता पूछ कर, उसके आत्महत्या करने के कारण को जानने की कोशिश की । और उसे समझाइश देकर लिखवाया गया कि वह अब इस तरह का कदम नहीं उठाएगा । जिसके बाद उसे वापस अपने घर बिहार जाने के लिये रेलवे स्टेशन जाने का बोलकर छोड़ा गया । खंडवा रेलवे स्टेशन पहुंचकर युवक ने प्लेटफॉर्म नंबर एक और छह के बीच ट्रैक पर मालगाड़ी आते हुए देखा, और वहां से प्लेटफार्म से नीचे उतारकर सीधे मालगाड़ी की तरफ दौड़ लगा दी । इसके बाद युवक ने अपने गर्दन पटरी पर रख दी, और ऊपर से गुजर रही मालगाड़ी के चलते एक झटके में ही उसकी गर्दन धड़ से अलग होकर युवक की मौके पर ही मौत हो गई ।
जीआरपी पुलिस कर रही घटना की जांच –
वहीं इस मामले में अभी जीआरपी पुलिस युवक के परिजन को घटना की सूचना देकर आगे की जांच कर रही है । इधर शनिवार शाम परिजन भी जीआरपी थाना पहुंचे थे, जहां मृतक की पहचान 18 वर्षीय दिनेश पुत्र संगमलाल निवासी जिला पूर्णिया ग्राम बागदड़ बिहार के रुप में हुई । यहां पहुंचे मृतक के साथी सुंदर कुमार व अन्य ने बताया कि हम 10 से 12 लोग बिहार से मुंबई मजदूरी करने निकले थे। पटना से जनता एक्सप्रेस में बैठे थे। हरदा स्टेशन पर दिनेश ने कहा कि, उसे भूख लगी है, और वो उतर गया। इसके बाद वह खाने का सामान लेने गया, और इतने में ट्रेन चल दी और दिनेश वापस ट्रेन में नहीं चढ़ पाया ।
फोन पर कहा, 500 रुपये डाल दो, मैं आ जाऊगां –
युवक के साथी सुंदर कुमार ने बताया कि, हम लोग जनता एक्सप्रेस से आगे निकल चुके थे। कुछ देर बाद दिनेश का फोन आया और उसने कहा कि मेरे पास रुपये भी खत्म हो गए हैं।। तुम लोग मुझे 500 रुपये डाल दो, मैं ट्रेन पकड़कर मुंबई आ जाऊंगा। हम लोग कसारा तक पहुंचे और सोचा कि वापस चलकर उसकाे साथ ही ले आते हैं । इसलिए हम लोग वापसी के लिए निकले । लेकिन इस बीच हमें जीआरपी से सूचना मिली कि उसके साथ कोई घटना हुई है ।
खंडवा में स्वास्थ खराब होने पर भर्ती हुआ था –
वहीं पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार युवक का हरदा में स्वास्थ्य खराब हुआ था। इसके बाद वह खंडवा स्टेशन पर उतरा, और जिला अस्पताल में भर्ती था । जहां वार्ड में सब्जी काटने के चाकू से खुद का गला काटने का प्रयास किया था । थाने में पूछताछ के दौरान भी वो ज्यादा कुछ नहीं बोल रहा था । मैं मर जाउंगा, मर जाउंगा कह रहा था । इसके बाद डायल 100 से उसे स्टेशन की ओर छोड़ दिया गया था । लेकिन कुछ देर बाद दोपहर करीब तीन बजे वहां मालगाड़ी से कटकर उसकी मौत हो गई ।
पहले प्रयास में बचाया था आम लोगों ने –
इधर मिली जानकारी के अनुसार युवक को शनिवार सुबह पहले माता चौक क्षेत्र में देखा गया था । जहां उसने आत्महत्या के लिए पहला प्रयास किया, और यहां मौजूद एक सब्जी बेचने वाले से चाकू मांग कर खुद को मारने की कोशिश की थी । लेकिन समय रहते युवक की हरकतों को भांप लिया गया, और उसे तुरंत घायल अवस्था में जिला अस्पताल भिजवाया गया था । जहां युवक ने अपना नाम दिनेश पिता संगम लाल उम्र 18 वर्ष निवासी पूर्णिया जिला बिहार के नाम से अस्पताल की पर्ची कटाई थी । जहां उसे भर्ती किया गया था । लेकिन कुछ देर बाद ही उसने हाथ में लगी सलाईन निकालकर हंगामा भी किया था ।
लोग बोले, पुलिस काउंसलिंग कर रोक सकती थी घटना –
हालांकि अब इस घटना को लेकर सोशल मीडिया सहित आम लोगों में चर्चा का माहौल गर्म है । उनका कहना है कि यदि, इस तरह आत्महत्या करने से पहले कोई व्यक्ति किसी आम नागरिक से मिला होता, और फिर जाकर आत्महत्या कर लेता, तो पुलिस उसका जीना दूभर कर देती । जबकि इस घटना में मृतक ने पुलिस के पास से जाकर आत्महत्या किया है । वहीं बता दें की, राज्य पुलिस ने संवेदनशीलता दिखाते हुए आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर पर भी जारी किए हैं । जिस पर सूचना देने पर ऐसा करने वालों की काउंसलिंग की जाती है । लेकिन यहां तो आत्महत्या से ठीक पहले शहर के मोघट थाना पहुंचे युवक को ठीक तरह से समझाइश भी नहीं दी गई, और उसे छोड़ दिया गया । जबकि थाने पहुंचने से पहले दो बार आत्महत्या का प्रयास कर चुके युवक को, कम से कम 24 घंटे निगरानी में रखकर, लगातार उसकी काउंसलिंग किया जाना था, जो कि पुलिस की इस तरह के मामले में संवेदनहीनता दिखाता है ।
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