द मीडिया टाइम्स डेस्क झारखंड
झारखंड की धरती अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और लोक परंपराओं के लिए जानी जाती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के लोगों को सोहराय, टुसू, बुरु मागे परब और मकर संक्रांति जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने इन त्योहारों को प्रकृति, कृषि और सामाजिक सौहार्द के प्रतीक बताते हुए सभी के जीवन में खुशहाली और समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की संस्कृति में प्रकृति और उत्सवों का गहरा संबंध है। इन त्योहारों के माध्यम से लोग अपनी परंपराओं और मान्यताओं को सहेजते हुए, एकजुटता और सामूहिकता की भावना को मजबूत करते हैं। सोहराय त्योहार कृषि के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व है, जबकि टुसू और बुरु मागे परब आदिवासी समुदाय की गहरी आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं।
मकर संक्रांति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह त्योहार नए संकल्प लेने और सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वे इन पर्वों को सद्भाव और प्रेम के साथ मनाएं और अपनी परंपराओं को आगे बढ़ाने में योगदान दें।
झारखंड के गांवों और शहरों में इन लोक उत्सवों की धूम देखने को मिल रही है। लोग पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे नजर आते हैं और गीत-संगीत के साथ इन त्योहारों का आनंद लेते हैं। मुख्यमंत्री ने इन आयोजनों के माध्यम से समाज में भाईचारे और समृद्धि की भावना को और प्रबल करने की अपील की।
झारखंड के लोक उत्सवों की यह धरोहर हमें हमारी जड़ों से जोड़ने के साथ-साथ समाज में सौहार्द और एकता का संदेश देती है।