द मीडिया टाइम्स डेस्क
दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी और पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां, करावल नगर विधानसभा क्षेत्र से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। खबरों के अनुसार, वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। कपिल मिश्रा को भाजपा ने मौजूदा विधायक मोहन सिंह बिष्ट की जगह करावल नगर से उम्मीदवार बनाया है, जबकि मोहन सिंह बिष्ट अब मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ेंगे।
कपिल मिश्रा और विवाद
भाजपा नेता कपिल मिश्रा को अक्सर उनके विवादित भाषणों के लिए जाना जाता है। उन पर आरोप है कि उनके भाषणों ने फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को भड़काने में भूमिका निभाई थी। दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 400 से अधिक लोग घायल हुए थे।
AIMIM की रणनीति
AIMIM ने इससे पहले मुस्तफाबाद सीट से ताहिर हुसैन को और ओखला से शफा-उर-रहमान को उम्मीदवार घोषित किया है। पार्टी ने इशरत जहां को करावल नगर से चुनाव लड़ाने की रणनीति बनाई है, जो सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान चर्चा में आई थीं।
इशरत जहां का परिचय
इशरत जहां कांग्रेस की पूर्व पार्षद हैं और ओखला में कांग्रेस की मजबूत उम्मीदवार मानी जाती थीं। हालांकि, कांग्रेस ने उन्हें ओखला से टिकट नहीं दिया। इशरत पर दंगा, हत्या के प्रयास और गैरकानूनी सभा जैसे गंभीर आरोप हैं। उन्हें दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2020 में खुरेजी खास इलाके के एक विरोध स्थल से गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में सक्रिय भागीदारी की, जिसके बाद दंगे भड़के।
CAA का संदर्भ
नागरिकता संशोधन अधिनियम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, बौद्ध, पारसी, और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है। इसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगे प्रमुख हैं।
क्या इशरत जहां का AIMIM के टिकट पर चुनाव लड़ना और भाजपा के विवादित नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ मुकाबला, करावल नगर में एक नया राजनीतिक समीकरण बनाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा।