गौरतलब है, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार सोमवार शाम पांच बजे थमने वाला है। राज्य में चुनाव प्रचार चरम पर पहुंचने के साथ राजनीतिक दलों को जारी परामर्श में निर्वाचन आयोग ने शिष्ट तरीके से प्रचार अभियान पर भी जोर दिया। आयोग ने कहा कि आपत्तिजनक और भ्रामक प्रकृति के विज्ञापन पूरी चुनाव प्रक्रिया को दूषित करते है।
राजनीतिक दलों को जारी परामर्श में कहा गया है कि मतदान के दिन और इससे एक दिन पहले प्रचार पर रोक के दौरान विज्ञापनों को एमसीएमसी से पूर्व-प्रमाणित कराना होगा। परामर्श में कहा गया है कि कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार या कोई अन्य संगठन अथवा व्यक्ति मतदान के दिन और इससे एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई भी विज्ञापन तब तक प्रकाशित नहीं करा सकता है, जब तक कि राजनीतिक विज्ञापन की सामग्री उनके द्वारा राज्य/जिले की एमसीएमसी से पूर्व-प्रमाणित न करा ली जाए। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को विज्ञापन के प्रकाशन की प्रस्तावित तिथि से दो दिन पहले एमसीएमसी में आवेदन करने के लिए कहा गया है।
कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस सत्ता पाने के लिए लड़ रही है तो बीजेपी जीत को दोहराने में लगी है। आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है। हर दल के नेता अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। इस बीच, चुनाव आयोग ने परामर्श जारी किया हैl