द मीडिया टाईम्स
मोहित श्रीवास्तव
डेस्क: लगभग 1 अरब 80 करोड़़ की जनसंख्या वाला, दुनिया के दुसरे सबसे बड़ा धर्म(मुसलमान) की आज, लगभग सभी दुसरे धर्मों से लड़ाई हो रही है, आखिर क्यों? इसके सबसे बड़ा उत्तर है, “अपने धर्म को अच्छा और दूसरे धर्म को खराब मानना”। हालांकि, अगर “इस्लाम की उत्पत्ति” के समय की बात करें तो उसी समय से, “इस्लाम हीं इस्लाम” को नहीं देखना चाहता है। बात है, करबला(इराक़) में हुए “इस्लाम युद्ध” की, मुसलमान के दो सबसे बड़े श्रेणी की, “सुन्नी और शिया” की।जो धर्म, आपस में हीं इतना बटा हुआ है, उस धर्म का सबसे शक्तिशाली शिया देश (ईरान) आज के समय में सुन्नी स्थल (फिलिस्तीन) के लिए लड़ रहा है। यह लड़ाई नहीं, बल्कि “मुस्लिम देशों” में अपने(ईरान) को “राजा” बनाने की बात है। सुन्नी मुस्लिम का सबसे शक्तिशाली देश, “सऊदी अरब”, फिलिस्तीन के लिए, प्रत्यक्ष रूप से नहीं लड़ रहा है लेकिन, तेहरान वाला देश लड़ रहा है।
“यहूदी धर्म” (दुनिया में कुल जनसंख्या, लगभग 1 करोड़ 25लाख का सबसे शक्तिशाली देश “इजरायल”, जिसका जन्मजात युद्ध, एक मुस्लिम स्थल “फिलिस्तीन” से चलता रहा है और चल रहा है, वहां ईरान (जनसंख्या, लगभग 9 करोड़) और शिया आतंकवादी संगठन “हिजबुल्ला”, जो फिलिस्तीन के पक्ष में लड़ रहा है, वो हमेशा इजरायल से हारता रहा है। यहां तक की अपने शीर्ष नेताओं और राष्ट्रपति तक को भी बचा नहीं सका।
कुछ तथ्य:-
1. इजरायल, फिलिस्तीन, सऊदी अरब, ईरान = एशिया
2. राजधानी = तेल अवीव और येरूशलम (इजरायल), रामल्ला(फिलिस्तीन), रियाद(सऊदी), तेहरान(ईरान)
3. दूरी = तेल अवीव से रियाद (1422 किलोमीटर), तेल अवीव से तेहरान (2427 किलोमीटर), रियाद से तेहरान (1781 किलोमीटर) तेल अवीव से रामल्लाह (81 किलोमीटर), रामल्लाह से तेहरान (1860 किलोमीटर), रामल्लाह से रियाद (1537 किलोमीटर)
4. जनसंख्या = लगभग 35 करोड़ (शिया मुस्लिम), लगभग 145 करोड़ (सुन्नी मुस्लिम)
5. मुस्लिम देशों की संख्या:- लगभग 55, यहूदी देश की संख्या:- 1
तो अब निष्कर्ष पर आते हुए मैं यही लिखूंगा की
जब कोई हराने के लिए लड़ता है तो, वो कभी नहीं जीतता। और जब कोई जीतने के लिए लड़ता है तो वो कभी नहीं हारता