फ़िल्म समीक्षा: ‘वेदा’

द मीडिया टाइम्स- सिन्हा जी 

निर्देशन: निखिल आडवाणी 

मुख्य कलाकार: शरवरी वाघ, जॉन अब्राहम, अभिषेक बनर्जी, तमन्ना भाटिया, आशीष विद्यार्थी 

रिलीज़ डेट: 15 अगस्त

फिल्म का सारांश

राजस्थान के बाड़मेर की पृष्ठभूमि पर आधारित फ़िल्म ‘वेदा’ एक सशक्त और विद्रोही लड़की की कहानी है, जो सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़ती है। कहानी की मुख्य किरदार वेदा बरवा (शरवरी वाघ), एक ऐसी लड़की है जो अपने सपनों को पूरा करने की ख्वाहिश रखती है, लेकिन जातिवाद और दबंगई के चलते उसे बार-बार समाज के अत्याचारों का सामना करना पड़ता है।

फिल्म में वेदा की मुलाकात मेजर अभिमन्यु कंवर (जॉन अब्राहम) से होती है, जो एक विवादित सैनिक हैं और अपने कठिन अतीत से गुजर रहे हैं। वह वेदा को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग देते हैं और अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। लेकिन जब वेदा का परिवार जातिगत संघर्षों में उलझता है और उसका भाई मार दिया जाता है, तो यह घटना उसकी ज़िन्दगी को पूरी तरह बदल देती है। अपने कोच अभिमन्यु के सहयोग से, वेदा अन्याय के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई का बीड़ा उठाती है।

फिल्म समीक्षा

सकारात्मक पक्ष:

‘वेदा’ का विषय बेहद संवेदनशील और सामयिक है। निखिल आडवाणी ने जातिवाद, सामाजिक असमानता और लैंगिक भेदभाव जैसे मुद्दों को परदे पर प्रभावी ढंग से दिखाने का प्रयास किया है। फिल्म का पहला हाफ बहुत ही दमदार है और दर्शकों को बांधकर रखता है।

शरवरी वाघ ने अपने किरदार में जान डाल दी है। वेदा के रूप में उनका अभिनय सहज और प्रभावशाली है, और उन्होंने यह साबित कर दिया कि वे एक उभरती हुई प्रतिभा हैं। जॉन अब्राहम का एक्शन से भरा किरदार और गंभीर स्वभाव कहानी में नयापन लाता है। अभिषेक बनर्जी, विलेन के रूप में, अपने दमदार अभिनय से हर दृश्य में छा जाते हैं।

फिल्म का कैमरा वर्क और बैकग्राउंड स्कोर कहानी के इमोशन्स को गहराई देते हैं। खासकर, ग्रामीण राजस्थान की पृष्ठभूमि और संस्कृति को कैमरे ने बेहतरीन तरीके से कैद किया है।

कमज़ोर पक्ष:

हालांकि फिल्म की शुरुआत और इंटरवल के बाद के हिस्से काफी प्रभावशाली हैं, लेकिन क्लाइमैक्स उतना दमदार नहीं बन पाया है जितना होना चाहिए था। स्क्रीनप्ले कई जगह पर कमजोर महसूस होता है, जिससे कुछ दृश्य उतने प्रभावशाली नहीं लगते। म्यूजिक भी फिल्म का बहुत मजबूत पक्ष नहीं है और यादगार गाने देने में विफल रहा है।

क्यों देखें ‘वेदा’?

  1. प्रेरणादायक कहानी: फ़िल्म एक सशक्त महिला की संघर्षमयी यात्रा पर आधारित है, जो सामाजिक बुराइयों के खिलाफ खड़ी होती है। यह फिल्म आपको अंदर तक झकझोर देती है और सामाजिक अन्याय के प्रति जागरूक करती है।
  2. शरवरी वाघ का शानदार अभिनय: टाइटल रोल में शरवरी वाघ ने शानदार काम किया है और उनके अभिनय की सराहना की जानी चाहिए।
  3. जॉन अब्राहम का एक्शन और अभिषेक बनर्जी का दमदार अभिनय: जॉन का एक्शन देखने योग्य है, और अभिषेक बनर्जी ने विलेन के रूप में कहानी को और भी मज़बूत बना दिया है।
  4. संवेदनशील सामाजिक मुद्दे: फिल्म जातिवाद, सामाजिक अत्याचार और महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है, जो इसे देखने लायक बनाता है।

अंतिम विचार:

‘वेदा’ एक ऐसी फिल्म है जो आपको सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़ने की प्रेरणा देती है। हालांकि कुछ कमियां हैं, लेकिन फिल्म की सशक्त कहानी और कलाकारों के बेहतरीन प्रदर्शन के कारण यह स्वतंत्रता दिवस और रक्षा बंधन के वीकेंड पर एक बार ज़रूर देखी जा सकती है।

रेटिंग: ★★★★☆ (4/5) 

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