फ़िल्म समीक्षा: स्त्री 2 “एक मज़ेदार और डरावनी सवारी”

द मीडिया टाइम्स – सिन्हा जी 

डेस्क:  हॉरर-कॉमेडी जॉनर में फ़िल्म ‘स्त्री’ ने जो बेंचमार्क सेट किया था, उसे पार करना किसी भी फ़िल्ममेकर के लिए एक चुनौती होती है। अमर कौशिक द्वारा निर्देशित ‘स्त्री 2’ ने इस चुनौती को स्वीकार किया और एक बार फिर से एक ऐसी दुनिया की रचना की, जो दर्शकों को हंसाते-हंसाते डराने और डराते-डराते हंसाने में सफल रही। यह फ़िल्म एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे सही मात्रा में हास्य और हॉरर को मिलाकर दर्शकों को एक नए तरह का मनोरंजन परोसा जा सकता है।

कहानी: नए खलनायक की एंट्री

‘स्त्री 2’ की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पहला भाग समाप्त हुआ था, लेकिन इस बार कहानी में नया मोड़ है। इस बार चंदेरी गांव को “सरकटा” नामक एक नए दानव का सामना करना पड़ता है, जो महिलाओं का अपहरण कर रहा है। बिट्टू (अपारशक्ति खुराना) की गर्लफ्रेंड चिट्टी का अपहरण होने के बाद, बिक्की (राजकुमार राव), रूद्र (पंकज त्रिपाठी), और जना (अभिषेक बनर्जी) इस रहस्यमयी दानव को रोकने के लिए एक बार फिर साथ आते हैं। इस बार श्रद्धा कपूर भी चंदेरी लौट आई हैं, लेकिन सरकटा के द्वारा उनकी नर्तकी प्रेमिका शमा (तमन्ना भाटिया) का अपहरण होने पर कहानी और भी रोचक हो जाती है।

निर्देशन और कहानी की प्रस्तुति:

अमर कौशिक ने फ़िल्म के पहले हाफ में शानदार निर्देशन किया है, जहां उन्होंने डर और हंसी का संतुलन बनाए रखा है। दानव की एंट्री और उसके भय से उत्पन्न हास्य दृश्य दर्शकों को खूब गुदगुदाते हैं। हालांकि, सेकंड हाफ में कहानी थोड़ी धीमी हो जाती है, लेकिन फ़िल्म का वीएफएक्स और क्लाइमेक्स दर्शकों का ध्यान बनाए रखते हैं। क्लाइमेक्स में वरुण धवन और अक्षय कुमार की एंट्री ने फ़िल्म को और भी रोमांचक बना दिया है, और दर्शकों को यह संकेत भी मिलता है कि भविष्य में ‘स्त्री’ और ‘भेड़िया’ का कॉम्बिनेशन देखने को मिल सकता है।

अभिनय: दमदार प्रदर्शन

फ़िल्म की कास्ट ने एक बार फिर से बेहतरीन प्रदर्शन किया है। राजकुमार राव ने अपने देसी लहजे और बॉडी लैंग्वेज से खूब हंसाया है, जबकि श्रद्धा कपूर ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया है। पंकज त्रिपाठी अपने वन लाइनर्स के जरिए कहानी में हास्य का तड़का लगाते हैं, वहीं अभिषेक बनर्जी अपने हास्यपूर्ण अभिनय से दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर देते हैं। अपारशक्ति खुराना का प्रदर्शन भी शानदार है, जबकि तमन्ना भाटिया का आइटम सॉन्ग ‘आज की रात’ फ़िल्म में एक अतिरिक्त आकर्षण है। अक्षय कुमार की छोटी सी उपस्थिति भी फ़िल्म में एक सरप्राइज पैकेज की तरह है।

देखने का कारण:

‘स्त्री 2’ देखना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि यह फ़िल्म हॉरर-कॉमेडी जॉनर का एक शानदार नमूना है। अगर आप हंसना और साथ ही थोड़ी डरावनी यात्रा का आनंद लेना चाहते हैं, तो यह फ़िल्म आपके लिए परफेक्ट है। फ़िल्म का निर्देशन, वीएफएक्स, और कलाकारों का प्रदर्शन इसे देखने लायक बनाते हैं। और सबसे बड़ी बात, ‘स्त्री’ और ‘भेड़िया’ के यूनिवर्स में एक नई कहानी का संकेत मिलने से यह फ़िल्म और भी दिलचस्प हो जाती है।

 

रेटिंग: ★★★★☆ (4/5)

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