जाने तकनीकी रूप से विकसित और अनुशासित देश , संस्मरण

द मीडिया टाइम्स डेस्क -मुख्य -संपादक कुमारी  रंजना 

 

मेरी यूरोप यात्रा : तकनीकी रूप से विकसित और अनुशासित 

बचपन में जब हमारी दोस्तों से लड़ाई  होती थी तो हम रूठ कर कहा करते थे हम लंदन नहीं तो पेरिस चले जाएंगे तब पता नहीं था की आने वाले दिनों में यह वाक्या सच मेँ साबित  हो जाएगा । जब मैं 1 August 2024 को मुंबई से फ्रैंकफर्ट की हवाई यात्रा की शुरुआत जर्मनी जाने के लिए की जहाँ इन दिनों मेरी बिटिया रहतीं हैं तो यह पता नहीं था की हमें यूरोप के चार खूबसूरत देशों की संस्कृति, भाषा, रहन -सहन, इंफ्रास्ट्रक्चर, भेष- भूषा, आर्थिक रुप से शशक्त और अनुशासित समाज का एक अति विकसित परिवेश देखने, समझने और सोचने का मौका मिलेगा और वह भी काफी करीब से
जर्मनी की राजधानी बर्लिंन की धरती पर पैर रखते ही ऐसा प्रतीत हुआ जैसे प्रदूषण  रहित एक ऐसे शहर में हम हैं जहाँ सब कुछ अनुशासन के एक दायरे में रचा बसा है।

स्प्रे नदी के किनारे बसा बर्लिंन शहर एक ओर जहाँ तकनीकी रूप से शिखर पर खरा :

साफ सुथरे अति सुंदर चौड़ा सड़क, लोगों का सड़क पर चलने का सिविक ज्ञान, वाहनों का अनुशासित संचालन, लोगों का अति धीमी आवाज में बातचित, दिशा का ज्ञान और खास कर डस्टबिन का  प्रयोग ने एक अति विकसित सम्वृद्ध समाज का परिचय दिया।स्प्रे नदी के किनारे बसा बर्लिंन शहर एक ओर जहाँ तकनीकी रूप से शिखर पर खरा है वहीँ हरियाली का एक ऐसा समंदर हैं, जिससे ये एहसास हुआ लोगों ने यहाँ प्रकृति को अपना दूसरा घर बना रखा है।83.28 मिलियन वाला देश जर्मनी की आबो हवा और इंफ्रस्ट्रॅक्चर कई देशों की तुलना मेँ अति सुविकसित है साथ ही लोगों का सिविक सेंस at par exlence है।अगर आपको बर्लिन शहर देखना हो तो स्प्रे रिवर से बोट की यात्रा करें और एतिहासिक धरोहर देखना हो तो फिर मेट्रो ट्रेन और पैदल यात्रा करें। सेकंड वर्ल्डवार के समय बर्लिन में यहूदियों के साथ जो नरसंघार हुआ उस मेमोरियल को देखना अपने आप में अद्भुत है। फेमस बर्लिन का वॉल साथ ही ईस्ट और वेस्ट बर्लिन के यूनिफिकेशं का अवशेष को आज भी देख पाना सांस्कृतिक धरोहर का नायाब नमुना है।

जंगल, नदियों और प्राकृतिक संपदा से सराबोर बर्लिन शहर  :

जंगल, नदियों और प्राकृतिक संपदा से सराबोर बर्लिन अपने आप में अनोखा शहर है। मुईगल लेक का दर्शन अवश्य करें जो बर्लिन के बीचों बीच स्थित है। ऐतिहासिक शहर पोट्सदम भी देखना न भूलें। यूरो के तुलना में हमारा रुपया काफी कमजोर है इसलिए पर्याप्त पैसा अपने साथ जरूर ले जाएं।चेक रिपब्लिक की राजधानी प्राग दुनिया के सुंदर शहरों में से एक है जहाँ सालों भर पर्यटक भरे रहते हैं। चार सौ साल पुराने ऐतिहासिक विरासत को बचा कर रखने वाला यह है शहर अपने बिंदास लाइफ माहौल के लिए जाना पहचाना जाता है । यहाँ पर्यटक आकर्षण के नायाब दर्शनीय स्थल हैं । रेस्टोरेंट कल्चर से लेकर प्राग का किंगडम अपने आप मे अनोखा और विशाल पर्यटक स्थल है। यहाँ आपको विश्व भर के टूरिस्ट आपको प्रतिदिन नजर आ सकते हैं। बालिवुड की बहुत सारी फिल्मों की यहाँ शूटिंग होती रहती है। ट्राम सबसे सुलभ ट्रांसपोर्ट है। यहाँ भी बोट की सवारी से पूरे शहर का एक झलक लिया जा सकता है। अगर आपको प्राग में रहने की सुविधा देखनी हो तो air BNB उत्तम स्थल है। बर्लिन से प्राग की दूरी अगर अपने कार से जाना हो तो मात्र पाँच घण्टे ही लगते हैं । खाना पीना बहुत महंगे हैं इसलिए अपने धन का सही इस्तेमाल करें।दुनिया का ग्लेम शहर पेरिस अपने एफिल टॉवर के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। फ्रांस की राजधानी पेरिस अपने night life के लिए भी प्रसिद्ध है। कौस्मेटिक्स प्रोडक्ट के लिए भी यह शहर विख्यात है। An evening in Paris हिंदी गाना पेरिस की सड़कों पर ही फिल्माया गया था। मैं जब पेरिस पहुंची तो चारों तरफ पेरिस ओलंपिक का समा छाया हुआ था।

अर्किटेक्ट का अद्भुत नमूना यहाँ देख कर आप हैरान हो जाएंगे:

फ्रांस का राजमहल अपने आप में एक छोटे शहर में बसा हुआ है। अर्किटेक्ट का अद्भुत नमूना यहाँ देख कर आप हत्प्रब हो जाएंगे. पर्शिया शहर मे बसा यह राजमहल आज एक विशाल museum बना हुआ है जिसे देखने पूरे विश्व के पर्यटक आते हैं। फ्रेंच रेवोल्यूशन की गाथा भी यहाँ देखने और समझने को मिलता है। Driverless fast train अगर देखना हो तो पेरिस जरूर जाएंं। पेरिस एक अति महंगा शहर  है ,सोच समझ कर प्लानिंग करें। पेरिस एक कोलोनियल शहर है जहाँ गोरे और काले दोनों रंगो की आबादी देखने को मिलती है।वैसे यूरोप के सभी देशों में पूरी दुनिया के लोग देखे जा सकते हैं लेकिन जर्मनी में तुर्किश लोगों की घनी आबादी देखी जा सकती है। वैसे छोटे – छोटे देशों के समूह वाला यूरोप तकनीकी रूप से जितना विकसित है सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी संपन्न है।वैसे अगर आप यूरोप की यात्रा पर जा रहें हों तो आपको भाषा की समस्या आ सकती है क्योंकि इन योरोपिओं देशों में खास तौर से अपने देश की ही भाषा लिखी और बोली जाती है। हमारे देश भारत में भी एक ही भाषा अपनी हिंदी का संचालन समान रूप से हो ऐसा मेरा विचार है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *