राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मोतिहारी के महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। इस कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल, राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे।
अपने बिहार दौरे के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में स्नातकों को सम्मानित किया। कुल 898 छात्रों ने कार्यक्रम के दौरान अपने डिग्री प्राप्त की। साथ ही, राष्ट्रपति ने विभिन्न शाखाओं के 10 टॉपरों को पुरस्कृत किया। इस कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा सांसद राधामोहन सिंह, और जिले के सभी भाजपा विधायक भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर पटना और मोतिहारी में सुरक्षा को लेकर सारी तैयारी पहले ही पूरी कर ली गई थी। रूट प्लान पहले ही तैयार है। मोतिहारी में कार्यक्रम के कारण भारत-नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए । राष्ट्रपति की सुरक्षा में किसी तरह की कोई चूक न हो, इसके लिए बिहार पुलिस और विशेष टीम एक-एक चीजों पर बारिकी से नजर रख रही है।
‘मेरे पूर्वज बिहारी, मैं भी यहां की‘
इससे पहले बुधवार को पटना में चौथे कृषि रोडमैप का शुभारंभ करने के बाद राष्ट्रपति ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि राष्ट्रपति के रूप में मेरी भले ही यह पहली यात्रा है लेकिन मैं बिहार और बिहार के लोगों और संस्कृति से भलीभांति परिचित हूं। पड़ोसी राज्य झारखंड मैं छह साल राज्यपाल रही। मैंने बिहार की जीवनशैली और संस्कृति को करीब से जाना है और महसूस भी किया है। मेरा गृह राज्य उड़ीसा भी ऐतिहासिक रुप से बिहार से जुड़ा हुआ है। इसीलिए मुझे लगता है कि मैं भी अपने आपको बिहारी कह सकती हूं। मैं बिहार को अपना राज्य मानती हूं। मुझे बिहार के मुख्यमंत्री अक्सर बुलाते हैं इसलिए मैं बीच बीच में आती रहूंगी। मुझे प्रेसिडेंट के बाद अपने गांव जाकर कृषि का कार्य करना है। बिहार हर क्षेत्र में रोड मैप बनाकर काम कर रहा है। बिहार हैपिनेस इंडेक्स पर कार्य कर रहा है, इसलिए विकास कर रहा है।