शिक्षकों का काम सिर्फ जॉब करना नहीं बल्कि बच्चों के जीवन में परिवर्तन लाना है , नरेंद्र मोदी

परीक्षा २०२४ पर चर्चा के दौरान देश के प्रधान मंत्री मोदी ने हजारों स्कूली छात्रों से मुखातिब होते हुए कई महत्वपूर्ण प्रश्नों का समाधान दिया। खासकर ये प्रश्न बच्चों के भीतर बैठे उन दवावों से सम्बन्धित था जिसे स्कूली बच्चे नाहक ही झेलते रहते हैं।आमतौर पर बच्चों के बीच आपसी कंपीटीशन,माता,पिता और दिए जा रहे दबाव से संबंधित थे।

प्रधान मंत्री ने इन तमाम मुद्दों को परिभाषित करते हुए छात्रों को जीवन जीने और शिक्षा प्राप्त कर सफलता प्राप्त करने की दिशा में सही मार्गदर्शन करते हुए यह बताया की जीवन में निर्णय लेने की क्षमता सर्वोपरी होनी चाहिए।अगर निर्णय लेने की क्षमता में अगर कोई कन्फ्यूजन होने का सीधा अर्थ है खुद के ऊपर विश्वास का अभाव होना।

साथ ही नरेंद्र मोदी के खेल कूद और एक्सरसाइज के महत्व को भी विस्तृत रूप से परिभाषित किया। परिवार में माता पिता और बच्चों के बीच एक सकारात्मक संबंध बने साथ ही एक दूसरे के बीच एक ट्रस्ट कैसे बने इस पर भी एक उदाहरण के माध्यम से प्रकाश डाला।

छात्रों के बीच आपसी कंपटीशन हेल्थी हो और आपस के सूझ बूझ पर रिश्तों का आधार बने न की आपसी कंपीटीशन रिश्तों को टूटने के कगार पर ले जाए।

इन तमाम चर्चों के दौरान प्रधान मंत्री का बच्चों से कनेक्ट होने का तरीका इतना सरल और प्रेरणादाई रहा जिसे न केवल बच्चे बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत उन तमाम लोगों की महती भूमिका से भी जुड़ा था जिनका कार्य केवल अपने जॉब के लिए जीना नहीं बल्कि बच्चों के जीवन में एक मूलभूत परिवर्तन लाना भी है।

देश के विभिन्न हिस्सों के छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का निचोड़ किसी देश का प्रधान मंत्री बीना किसी जटिल शब्दों के सरलता से दे यह प्रधान मंत्री मोदी की क्षमता का जबरदस किसी देश का प्रधान मंत्री बीना किसी जटिल शब्दों के सरलता से दे यह प्रधान मंत्री मोदी की क्षमता का जबरदस्त पहलू है।

उम्मीद है की निश्चित तौर पर देश की आने वाली परीक्षाओं में बैठ रहे बच्चों का यह अप्रतिम मार्गदर्शन करेगा।

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