द मीडिया टाइम्स
डेस्क: बीते एक साल से यूपी की बरेली पुलिस के लिए सिरदर्द बना ‘साड़ी वाला सीरियल किलर’ आखिरकार गिरफ्त में आ ही गया. इस एक शख्स की खोज के लिए पुलिस ने 22 टीमें बनाईं, 1500 CCTV कैमरे खंगाले, 1.5 लाख मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर रखा और ऑपरेशन ‘तलाश’ चलाया, तब जाकर कहीं इस सनकी खूनी का पता लग सका, जिसके बाद आखिरकार बरेली शहर को इसके आतंक से निजात मिली.
15 महीने तक पसीना बहाने के बाद यूपी पुलिस ने आखिरकार हत्यारे कुलदीप तक पहुंचने में कामयाबी पाई
लेकिन जिस तरह की जानकारी उसने अपनी गिरफ्तारी के बाद दी उससे हर कोई हैरान रह गया. दिखने में बिल्कुल आम सा चेहरा… कोई सोच भी नहीं सकता कि इस चेहरे के पीछे इतनी शातिर और घिनौनी असलियत छुपी हो सकती है. लेकिन इस शख्स के दिमाग की ही ये उपज थी कि बिना किसी औजार और साथी के इसने 10 महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया और वह भी बिना किसी पछतावे के.
10 महिलाओं के खून से रंगे हाथ
पुछताछ में 10 महिलाओं के खून के आरोपी कुलदीप ने अबतक 6 महिलाओं के कत्ल करने की बात को कबूल कर लिया है. उसने बताया कि आखिर उसको महिलाओं से इतनी चिढ़ क्यों थी कि उसने उन्हें बेरहमी से मारने से पहले एक बार भी नहीं सोचा. पुलिस की अबतक की जांच के मुताबिक, आरोपी कुलदीप ने 10 महिलाओं की हत्याएं की और इन हत्याओं का तरीका बिलकुल एक जैसा था. पुलिस को जो भी महिला की लाश मिलती, उसके गले में साड़ी का फंदा होता और उसमें कसके एक गांठ पड़ी होती. इसलिए इस सीरियल किलर का नाम साड़ी किलर हो गया था.
शराबी किस्म का व्यक्ति है आरोपी
पुलिस के मुताबिक, आरोपी कुलदीप एक शराबी किस्म का व्यक्ति है जो सुबह सवेरे किसी रिश्तेदार के घर जाता, वहां से खाना खाकर निकलता और रात को ही किसी और के यहां चला जाता. उसका कोई निश्चित ठिकाना नहीं था. जानकारी के मुताबिक पिता ने कुलदीप की मां के रहते दूसरी शादी कर ली थी और उसकी सौतेली मां के कहने पर उसका पिता उसकी मां को बहुत मारता था. कुलदीप की पत्नी ने भी उसे छोड़ दिया था जिसके कारण शायद उसके दिल में महिलाओं के प्रति एक कुंठित मानसिक्ता ने जन्म ले लिया हो. पुलिस की मानें तो वह केवल इधर से उधर घूमता ही रहता था. कभी इस खेत तो कभी उस खलियान…वह केवल पैदल चलता रहता था और यही एक वजह था जिसकी वजह से उसको खेतों के सारे रास्ते याद थे.
दिमाग से बेहद शातिर है ये हत्यारा
वह जब भी किसी महिला को खेत में अकेले काम करते हुए देखता तो उसके पीछे लग जाता. लेकिन दिमाग से बेहद शातिर कुलदीप इस बात का भी खास ख्याल रखता था कि कहीं उसे कोई देख तो नहीं रहा. अगर उसके और उसके शिकार के बीच कोई और आता दिखता तो वह अपना रास्ता बदल लेता था और उस दिन कोई जुर्म नहीं करता था. वह अक्सर ये देखता था कि जिस महिला के पीछे वह जा रहा है वहां पर आसपास कोई गन्ने का खेत हो क्योंकि गन्ने के खेतों में आड़ होती है और उसके मुताबिक अगर गन्ने के खेत में 10-5 मीटर अंदर किसी को मार भी दिया जाए तो इतनी आसानी से पता नहीं लगता. कुलदीप जब भी किसी महिला को अकेला देखता तो उसके अंदर का जानवर जाग जाता और वह उससे संबंध बनाने के लिए कहता.
विक्टिम की साड़ी को ही बना लेता था हथियार
स्वभाविक तौर पर महिला डरकर जब उसे मना करती तो उसको गुस्सा आ जाता और इसी गुस्से के चलते वह महिला को गला दबाकर मार देता था. लेकिन उसके बाद उसको इस बात का डर सताता कि कहीं महिला में जरा भी जान बाकी ना रह गई हो जिससे वह पकड़ा जाए. अपने पकड़े जाने के डर के कारण वह महिलाओं के गले में उन्हीं की चुन्नी या फिर साड़ी से फंदा बनाकर उसमें कसकर गांठ बांध देता था ताकी महिला की जान पूरी तरह से निकल जाए. पुलिस ने इस आरोपी को पकड़ने के लिए काफी जद्दोजहद की साथ ही इसके स्केच बनाकर जारी किए गए ताकी इसे जल्द से जल्द पकड़ा जा सके और पुलिस की ये कोशिश कामयाब भी हुई. ये खुंखार अपराधी पकड़ा गया.
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