द मीडिया टाइम्स डेस्क
देशद्रोह के मामले में जेल में बंद शरजील इमाम की बहन फरहा निशात ने बीपीएससी की 32वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा पास की है और जज बन गई हैं. इसके बाद शरजील इमाम का परिवार फिर सुर्खियों में आ गया है.इसी बीच फरहा से जब शरजील को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमें अपनी न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा होना चाहिए, मुझे उम्मीद है कि इसका निपटारा भी जल्द हो जाएगा.
शरजील इमाम के जेल जाने के लंबे समय बाद उनके परिवार को फरहा निशात के जज बनने से मिली है. 28 वर्षीय फरहा निशात ने कड़ी मेहनत से ये मुकाम हासिल किया है. शरजील के जेल जाने के बाद उनके परिवार के लिए पहला खुशी का मौका है.
छोटे भाई का भावुक पोस्ट
एक तरफ जहां फरहा की सफलता पर लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ शरजील के छोटे भाई मुज्जम्मिल इमाम के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने भी सबका ध्यान खींचा है. दरअसल, मुज्जम्मिल ने अपनी पोस्ट में लिखा, “जिंदगी का यही फलसफा है. एक भाई जुल्म के खिलाफ इंसाफ की लड़ाई लड़ने के लिए जेल में है तो दूसरी तरफ बहन जुल्म के खिलाफ इंसाफ देने के लिए जज की कुर्सी पर बैठेंगी. फरहा निशात ने 32वीं बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा पास की है. उम्मीद है कि अपने कार्यकाल में तुम अपने फैसलों से किसी बेगुनाह के साथ जुल्म नहीं होने दोगी.”फरहा ने परिवार को दिया सफलता का श्रेय
फरहा निशात ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया है. उन्होंने कहा कि सेल्फ स्टडी और परिवार के मार्गदर्शन से उन्होंने मुख्य परीक्षा पास की है, जबकि इंटरव्यू के तैयारी की लिए उन्होंने कुछ संस्थानों की मदद ली. फरहा को किताबें पढ़ना, बच्चों को पढ़ाना और सीरियल देखना पसंद है. उन्होंने कहा कि वे जल्द ही न्यायपूर्ण फैसले देकर समाज की सेवा करना चाहती है.फरहा निशात की इस सफलता ने न केवल उनके परिवार को गर्व का अनुभव कराया है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक प्रेरणा है। कठिन परिस्थितियों और पारिवारिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल किया। शरजील इमाम से जुड़े विवादों के बीच फरहा का जज बनना यह साबित करता है कि शिक्षा और मेहनत से हर बाधा को पार किया जा सकता है।
मुज्जम्मिल इमाम के भावुक पोस्ट ने भी यह संदेश दिया कि उनका परिवार न्याय और सच्चाई में विश्वास रखता है। फरहा का जज बनना उनके परिवार की सकारात्मक सोच और न्यायपालिका में भरोसे को दर्शाता है।
फरहा निशात के बयान से यह स्पष्ट है कि वे न्यायपालिका के महत्व को समझती हैं और अपने कार्यकाल के दौरान निष्पक्ष और न्यायपूर्ण फैसले लेने की महत्वाकांक्षा रखती हैं। उनका सफर उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।
उनकी सफलता यह भी दिखाती है कि मेहनत और समर्पण के साथ परिवार का समर्थन किसी भी मुश्किल को आसान बना सकता है। फरहा का यह मुकाम समाज में बदलाव लाने और न्यायिक प्रणाली में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है।

The Media Times – Unfiltered. Unbiased. Unstoppable.
Founded in 2012, The Media Times stands as a pillar of fearless journalism, committed to delivering raw, unfiltered, and unbiased news. In a world saturated with noise, we cut through the clutter, bringing facts to the forefront without agenda or compromise.From hard-hitting investigative reports to thought-provoking analysis, we cover politics, healthcare, business, technology, entertainment and global affairs with an unwavering commitment to truth. Our team of dedicated journalists and experts works relentlessly to challenge narratives, expose realities, and hold power accountable.At The Media Times, we don’t just report the news—we shape conversations, spark change, and empower the public with knowledge.
Truth is our weapon, integrity is our shield, and journalism is our battlefield.📢 Because the world deserves the truth. No filters. No bias. Just facts.