कुमारी रंजना प्रधान संपादक, द मीडिया टाइम्स
गोवा केवल समुंद्र तट और प्राकृति सौन्दर्य का पर्यटन स्थल नहीं बल्कि पूर्व और पश्चिम की संस्कृति का मिलन स्थल भी है। धार्मिक एकता का मिश्रण ही गोवा को अन्य पर्यटन स्थानों से अलग बनाता है। गोवा में रंग- रूप, भेष- भूषा, को लेकर कोई जज मेंटल नहीं होता इसिलिए एक जीवंत और आजाद विचारों वाला शहर है.
गोवा में नव वर्ष 2025 मनाने के लिए जब मैं 29 दिसंबर को टैक्सी लेकर गोवा के लिए निकली तो यह सोचा नहीं था की गोवा में नव वर्ष का धूम ग्लोबल होगा. दुनियां के हर कोने से आए पर्यटक के आपसी सद्भाव का जज्बा अनोखा था. इतनी विविधता के बीच नववर्ष के जश्न में सभी एक और नवमय जैसे समंदर का पानी।
एकता का जज्बा, समंदर की लहरों पर वैश्विक जश्न की शोर में सबों का गोआमय हो जाना ही गोवा की सही पहचान है.
कैथोलिक गिरजाघर से लेकर मंगेश और बालाजी मंदिर में पूजा की गतिविधियों ने लोगों की इस भा्न्ति को तोड़ने का प्रयास किया है कि गोवा सांस्कृतिक सद्भाव का राज्य है जिसके अंदर सुरक्षा की कोई समस्या नहीं।
वैसे गोवा पर पुर्तगाली सभ्यता का विशेष प्रभाव देखा जा सकता है जो लाजिमी है क्योंकि गोवा पर लंबी अवधी तक पुर्तगाली शासन रहा है.
गोवा को प्रकृति ने सुंदर पहाड़, सफेद रेत वाले समुद्र तटों और हरियाली का ऐसा वरदान दिया है जो अपने आप में अनुपम है।
साउथ गोवा और नॉर्थ गोवा के बीच लगभग 60 किलोमीटर का फासला है.नॉर्थ गोवा सुंदर समुंद्र तट के साथ- साथ भीड़ भरे पर्यटकों से लबरेज चकाचौंध भरा हिस्सा है जबकि साउथ गोवा मंदिरों, गिरिजाघर, सुंदर समुंद्र तट और शांत माहौल वाला खूबसूरत जहान है। मछली, और सब प्रकार के नानवेज डीश गोवा के प्रमुख खान- पान शामिल है पर वेज फूड भी आसानी से यहाँ उपलब्ध है.
वैसे तो गोवा में देशी और विदेशी सैलानियों की बड़ी हुजूम नव वर्ष पर गोवा में देखने को मिला लेकिन गोवा में आमतौर पर विभिन्न देशों के नागरिक स्थाई रूप से रहते हैं.
पारंपरिक संस्कृति और पार्टी स्केन जैसी विभिन्न विशेषताओं के लिए विख्यात है. इस राज्य की राजधानी पणजी है और गोवा भारतीय महासागर के किनारे स्थित है. यह एक लोकप्रिय विदेशी और घरेलू यात्रा स्थल है. यहां पर समुद्र तट के किनारे चलते हुए सुंदर सूर्यास्त दृश्य भी देखा जा सकता है, जो यात्रियों को अपनी यात्रा का एक यादगार अनुभव बनाता है.
क्षेत्रफल के अनुसार से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के अनुसार चौथा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने सुन्दर समुद्र के किनारों और प्रसिद्ध स्थापत्य के लिये जाना जाता है। गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था। पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया और 19 दिसंबर 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौंपा गया।गोवा की विश्व पर्यटन मानचित्र के पटल पर अपनी एक अलग पहचान है।