द मीडिया टाइम्स डेस्क
अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन अली खान के बेटे नसीरुद्दीन चिश्ती ने शनिवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया दी। ओवैसी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दरगाह पर चादर भेजने से कोई लाभ नहीं है।
चिश्ती ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से चादर भेजे जाने को सकारात्मक रूप में देखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक पुरानी परंपरा है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने निभाया है।
चिश्ती ने ओवैसी के बयान को उचित नहीं मानते हुए कहा कि ओवैसी को प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ना चाहिए, जो उन्होंने चादर के साथ भेजा है।
इस संदर्भ में, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजिजू ने भी सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के ‘उर्स’ पर दरगाह में प्रधानमंत्री मोदी की ओर से चादर चढ़ाने की प्रक्रिया को महत्वपूर्ण बताया।
इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि अजमेर दरगाह पर चादर भेजने की परंपरा को लेकर विभिन्न दृष्टिकोण हैं, लेकिन यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व का विषय है।