द मीडिया टाइम्स डेस्क
शरद पवार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आरोपों पर तीखा जवाब देते हुए कहा कि उन्हें अपने बयान देने से पहले तथ्यों और जानकारी का ध्यान रखना चाहिए। पवार ने याद दिलाया कि वे 1958 से राजनीति में सक्रिय हैं और 1978 में, जब अमित शाह राजनीति में बिल्कुल नए थे, वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे।
पवार ने अमित शाह के उस आरोप को खारिज कर दिया जिसमें शाह ने कहा था कि 1978 में शरद पवार ने विश्वासघात और छल-कपट की राजनीति की थी। अमित शाह ने अपने बयान में दावा किया था कि महाराष्ट्र की जनता ने वंशवाद और विश्वासघात की राजनीति को खारिज कर दिया है और बीजेपी की जीत इसके प्रमाण के रूप में है।
शरद पवार ने कहा कि उनकी पार्टी ने कभी बीजेपी के साथ कोई वादा नहीं किया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अहमदाबाद में एक बैठक के बाद से वे अमित शाह से कभी नहीं मिले।
पार्टी में बदलावों की चर्चा करते हुए पवार ने कहा कि आने वाले 10-12 दिनों में पार्टी के अंदर संगठनात्मक बदलाव किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि “इंडिया अलायंस” के तहत वे राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगे। राज्य में पंचायत समिति और स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और तीनों गठबंधन दलों की बैठक अगले कुछ दिनों में होगी।
शरद पवार ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि गृहमंत्री जैसे अहम पद पर बैठे व्यक्ति को अपने बयानों में अधिक जिम्मेदारी और तथ्यों की समझ दिखानी चाहिए।