2023 में बीमा कंपनियां कुछ ऐसा नियम बनाने जा रही है जिसके बाद पॉलिसी के डाक्यूमेंट्स को संभालने की ना तो जरूरत होगी और ना ही इन्हें बीमा कंपनियों से लेना होगा। यानी नए साल से इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना और उसे रखना आसान हो जाएगा।
अक्सर ऐसा होता है कि बीमा पॉलिसी जब मैच्योर होती है होती है तो उसकी रकम हासिल करने के लिए डाक्यूमेंट्स जैसे पॉलिसी नोट वगैरह जमा करना होता है। इसके आधार पर ही पॉलिसी की सत्यता की जांच होती है।
कई बार इन कागजातों के खो जाने की स्थिति में नोटरी के पास हलफनामा बनाकर दस्तावेजों को जमा करना होता है। लेकिन 2023 में बीमा कंपनियां डिजिटल होने जा रही है। इसके बाद दस्तावेजों को ना तो संभालने की जरूरत है और ना ही इन्हें बीमा कंपनियों से लेना होगा।
लेकिन नई पॉलिसी वैसे काफी समय से डिजिटली खरीद मुमकिन हो गया था लेकिन 2023 के आखिर तक फिजिकल तौर पर रखे गए सभी बीमा प्रोडक्ट्स को डिजिटल रूप में तब्दील करना अनिवार्य होगा।
आईआरडीए के दिशा निर्देश अनुसार 2023 के खत्म होने तक सभी इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स डिजिटल, रूप में कन्वर्ट कर दिए जाएंगे। इसके बाद नई पुरानी सभी इंश्योरेंस पॉलिसी 2023 तक डिजिटल हो जाएगी।
बीमा क्लेम के निपटारे के लिए बड़ी पहल की जा रही है। देशभर में क्लेम सेंटर तैयार होंगे । हेल्थ इंश्योरेंस की तर्ज पर सभी बीमा क्लेम के अधिकतम 30 दिनों में निपटारे का प्रयास शुरू हो गया है।
2047 तक सभी लोगों को बीमा कवरेज मिलेगी इसका एक मुख्य कारण कोविड-19 के बाद छोटे शहरों में बढ़ता हेल्थ बीमा का दायरा है सरकार का लक्ष्य बीस सौ सैंतालीस तक सभी लोगों को बीमा कवरेज मुहैया कराना है।