द मीडिया टाइम्स डेस्क
होटल मैनेजर से की गाली गलौज
पुलिस का रॉब झड़ते दिखाई दिए सब इंस्पेक्टर विजय खत्री होटल मैनेजर से की गाली गलौज पुलिस विभाग में कार्यरत पति-पत्नी के बीच कुछ घरेलू विवाद हुआ और पत्नी घर की जगह होटल में आकर रूम लेकर सो गई। जानकारी मिलने पर तलाशते हुए पति उस होटल में पहुंचा और रात 2 बजे हंगामा खड़ा कर दिया। जिसके बाद विवाद का एक वीडियो भी सामने आया है।आए दिन शुजालपुर सिटी थाने के सब इंस्पेक्टर विजय खत्री अक्सर अखबारों की शान बने रहते हैं आए दिन वह तरह-तरह के कारनामे करते ही रहते हैं एक बार फिर विजय खत्री ने पुलिस के मर्यादाओं को साइड में रखते हुए न्यूजपेपर और चैनल की शान बढ़ाई है जानकारी के अनुसार सब इंस्पेक्टर विजय खत्री और उनकी सब इंस्पेक्टर पत्नी भारती डाबर एक ही जगह शुजालपुर सिटी थाने में पदस्थ है। विजय की पत्नी घर की जगह अकेली इस होटल में आकर रुकी थी, तलाशते हुए वो नाराज होकर होटल पहुंचे थे। उन्होंने होटल का गेट देर से खोलने से नाराज होकर मैनेजर से अभद्रता करते हुए गाली-गलौज की और पकड़कर अंदर करने की धमकी भी दी। सब इंस्पेक्टर विजय खत्री होटल मैनेजर से यह कहता भी दिखा कि आगे से इनको (सब इंस्पेक्टर पत्नी) रूम दिया, तो देख लूंगा। इस घटना के विवाद का वीडियो सामने आया है। मौके पर डायल 100 से पुलिस स्टॉफ आने के बाद ही होटल कर्मचारियों ने मुख्य द्वार का चैनल गेट खोला था। इसके बाद सब इंस्पेक्टर होटल के प्रथम तल पर पहुंचा और होटल मैनेजर महेंद्र से गाली-गलौज करते हुए बदतमीजी करते रहा। इनकी पत्नी भारती डाबर खत्री को आइडी कार्ड के आधार पर होटल में रूम दिया गया था। हालांकि पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।एसडीओपी शुजालपुर पीएस बघेल ने कहा, उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। हंगामे के बाद सब इंस्पेक्टर की पत्नी इस घटनाक्रम के बाद होटल छोड़कर पति के साथ चली गई थी। होटल मैनेजर महेंद्र ने बताया कि बुधवार रात को 2 बजे बाद होटल में आकर उन्होंने अभद्रता की थी। बाद में वो पत्नी को साथ लेकर चले गए, हमने लीगल दस्तावेज लेकर रूम दिया था। आप को बतादे की अक्सर सब इंस्पेक्टर विजय खत्री विवादों में घिरे रहते हैं कवि सैट से संबंधित खबरें उनके पेपर में प्रकाशित होती है तो कभी लोगों को डराने की चर्चा भी सब इंस्पेक्टर खत्री की शहर में होती ही रहती है लगातार सब इंस्पेक्टर खत्री के बारे में खबरें प्रकाशित होती ही रहती हैं लेकिन आलाधिकारियों को शायद इन सब चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता है