नासिर खान – द मिडिया टाइम्स डेस्क
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची ने एक बार फिर परिवारवाद के मुद्दे को उजागर किया है। यह स्पष्ट होता है कि भाजपा इस रोग से पूरी तरह बाहर नहीं निकल पा रही है। कई टिकट बड़े नेताओं के बेटों और भाइयों को दिए गए हैं, जिसमें तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्र-पुत्रियां भी शामिल हैं।
मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार के परिवार में ही दो टिकट दिए गए हैं। आशीष शेलार खुद बांद्रा (पश्चिम) से उम्मीदवार हैं, जबकि उनके बड़े भाई विनोद शेलार को मालाड (पश्चिम) से टिकट दिया गया है। यह स्थिति यह दर्शाती है कि पार्टी में परिवारवाद की प्रवृत्ति कितनी गहरी है।
पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, जो शिवसेना से कांग्रेस में होते हुए भाजपा में शामिल हुए हैं, हाल ही में सिंधुदुर्ग से लोकसभा का चुनाव जीते हैं। उनके कनिष्ठ पुत्र नीतेश राणे, जो 2019 में कणकवली विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे, इस बार भी कणकवली से भाजपा के उम्मीदवार हैं।
इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि भाजपा के भीतर परिवारवाद की प्रवृत्ति जारी है, जो चुनावी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनता जा रहा है। क्या यह पार्टी के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण में सही है? यह सवाल अब मतदाताओं के सामने है।