द मीडिया टाइम्स डेस्क
भारत में डायबिटीज के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि न केवल चिंता का विषय है, बल्कि इसके साथ ही हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ रहा है। डायबिटीज न केवल शुगर के स्तर को प्रभावित करती है, बल्कि यह दिल और रक्त वाहिकाओं को भी नुकसान पहुंचाती है। आइए समझते हैं कि डायबिटीज और दिल की बीमारियों के बीच क्या संबंध है।
डायबिटीज का दिल पर असर
डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। हाई ब्लड शुगर का लंबे समय तक बने रहना रक्त वाहिकाओं की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है। यह स्थिति धमनियों को सख्त और सिकुड़ने का कारण बनती है, जिससे दिल को पर्याप्त ब्लड फ्लो नहीं मिल पाता। इसके अलावा, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल, जो डायबिटीज के साथ आमत: देखे जाते हैं, दिल पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ा देते हैं।
डायबिटीज से होने वाले हृदय रोग
1. हार्ट अटैक: डायबिटीज के मरीजों में दिल के दौरे का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में 2-4 गुना ज्यादा होता है।
2. स्ट्रोक: रक्त प्रवाह में रुकावट के कारण स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
3. हृदय की विफलता Heart Failure: लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर और हाई बीपी रहने से दिल की पंपिंग क्षमता कम हो जाती है।
बचाव के उपाय
डॉ. अजय कुमार के अनुसार, डायबिटीज के साथ हृदय रोग से बचाव के लिए नियमित रूप से ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की जांच करवाना बेहद जरूरी है। इसके अलावा संतुलित आहार लें, जिसमें कम वसा और अधिक फाइबर हो।
नियमित व्यायामकरें।
– तंबाकू और शराब से बचें।
– डॉक्टर की सलाह से मेडिकेशन का पालन करें।
निष्कर्ष
डायबिटीज का सही प्रबंधन और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हृदय रोग के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। समय रहते सतर्क रहें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।