द मिडिया टाईम्स डेस्क
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को संभल की निचली अदालत को निर्देश दिया है कि वह मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण से संबंधित कोई आदेश पारित न करे। यह निर्णय उस समय आया जब न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को हिंसा प्रभावित शहर में शांति और सद्भाव बनाए रखने का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को मुस्लिम पक्ष की याचिका दाखिल होने के तीन कार्य दिवसों के भीतर सुनवाई करने का आदेश दिया। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि निचली अदालत को इस मामले में आगे बढ़ने से पहले उच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार करना चाहिए।
पीठ ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि निचली अदालत इस मामले पर तब तक कोई कार्रवाई नहीं करेगी जब तक उच्च न्यायालय इस पर सुनवाई नहीं करता। इसके साथ ही, न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह संभल में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए दोनों समुदायों के सदस्यों को शामिल कर एक शांति समिति गठित करे। यह निर्णय इस बात का संकेत है कि न्यायालय शांति और सामंजस्य को प्राथमिकता दे रहा है और सभी पक्षों के अधिकारों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस प्रकार, उच्चतम न्यायालय का यह आदेश न केवल कानूनी प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है, बल्कि समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।