वॉशिंगटन, 27 फरवरी – ट्रंप प्रशासन ने अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे प्रवासियों के लिए एक अनिवार्य रजिस्ट्रेशन प्रणाली की घोषणा की है। इस नए फैसले के तहत, जो भी अमेरिका में अवैध रूप से रह रहा है, उसे खुद को पंजीकृत कराना होगा, फिंगरप्रिंट देना होगा और अपना वर्तमान पता सरकार को प्रदान करना होगा। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने मंगलवार को यह आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि यदि कोई अवैध प्रवासी खुद को पंजीकृत नहीं कराता है, तो उसे जुर्माना, जेल या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
इस निर्णय को ट्रंप प्रशासन की उन सख्त नीतियों का हिस्सा माना जा रहा है, जिनका उद्देश्य अमेरिका में अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें निष्कासित करना और देश की सीमाओं को मजबूत करना है। सरकार ने इमीग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट के तहत इस कदम को वैध ठहराते हुए कहा कि अब तक इस कानून की अनदेखी की जाती रही है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
यूएस सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विस ने अपनी वेबसाइट पर घोषणा की है कि जल्द ही पंजीकरण की प्रक्रिया और आवश्यक फॉर्म जारी किए जाएंगे। प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय उन प्रवासियों की पहचान के लिए उठाया गया है, जो बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे हैं।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के पहले ही दिन 10 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे, जिनमें से एक यह था कि होमलैंड सिक्योरिटी विभाग को उन सभी अवैध प्रवासियों की पहचान करनी होगी, जिन्होंने पहले खुद को पंजीकृत नहीं कराया है। इस आदेश में यह भी कहा गया था कि सरकार को इस अनिवार्य रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के बारे में व्यापक रूप से जानकारी देनी होगी, ताकि अधिकतम प्रवासी खुद को पंजीकृत करा सकें।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लाखों प्रवासी स्वेच्छा से सरकार को अपनी जानकारी देंगे या नहीं। लेकिन प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि जो लोग इस प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे, उन्हें अपराधी माना जाएगा और उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
इस घोषणा के बाद प्रवासी अधिकार संगठनों ने इस निर्णय की कड़ी निंदा की है। नेशनल इमीग्रेशन लॉ सेंटर ने इसे 1940 के एलियन रजिस्ट्रेशन एक्ट से जोड़ा, जब अमेरिका ने सभी गैर-नागरिकों को अपने स्थानीय पोस्ट ऑफिस में जाकर पंजीकरण कराने के लिए मजबूर किया था। उस समय इस कानून का उपयोग “संभावित राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों” की पहचान के लिए किया गया था, जिसे तब “कम्युनिस्ट या विध्वंसक तत्वों” से जोड़ा गया था।
अधिकार समूहों ने चेतावनी दी है कि ट्रंप प्रशासन का यह कदम प्रवासियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लेने और देश से बाहर निकालने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार इस पंजीकरण प्रणाली का उपयोग कर उन लोगों को निशाना बना सकती है, जिन्हें बाद में अमेरिका से निर्वासित किया जाएगा।
ट्रंप प्रशासन के इस कड़े फैसले से अमेरिका में रह रहे लाखों प्रवासियों के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल छा गए हैं। अब यह देखना होगा कि कितने लोग इस आदेश का पालन करेंगे और कितने इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाएंगे।
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