द मीडिया टाइम्स डेस्क
आज हम चर्चा करेंगे टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोपों के बारे में। उन्होंने हाल ही में लोकसभा में संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर एक महत्वपूर्ण बहस में भाग लिया।
महुआ मोइत्रा ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह संविधान को “हज़ारों कटों से लहूलुहान” कर रही है। उनका कहना है कि पिछले 10 वर्षों में राजनीतिक कार्यपालिका ने “व्यवस्थित रूप से लोकतंत्र को नष्ट” किया है। यह एक गंभीर आरोप है, जो दर्शाता है कि वे किस प्रकार की स्थिति का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि समय की मांग है कि भारत का विचार अपने शुद्धतम रूप में जीवित रहे। यह एक महत्वपूर्ण बिंदु है, क्योंकि संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की आत्मा है।
महुआ मोइत्रा ने अपने भाषण में पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ पर भी निशाना साधा, यह संकेत करते हुए कि उच्च न्यायपालिका के कुछ सदस्य संविधान की रक्षा में असफल हो रहे हैं।
इस प्रकार, महुआ मोइत्रा का यह भाषण न केवल सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें सतर्क रहना होगा।
आइए, हम इस विषय पर और गहराई से विचार करें और समझें कि संविधान की रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है।