इन दिनों संसद के दोनों सदनों का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी सत्र के तहत लोकसभा में आयुष्मान भारत योजना का मुद्दा उठा। बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने प्रश्नकाल के दौरान आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार कराने में गरीबों के सामने आ रही समस्याओं का जिक्र किया और योजना में नीतिगत बदलाव की मांग की।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया ने सदन में इसका जवाब देते हुए कहा कि हमने योजना में बदलाव कर यह प्रावधान किया है कि 5 लाख 30 हजार खर्च हो जाए तो ही ₹5लाख दे दिया जाए। बाकी पैसा राज्य सरकारें भी दे सकती है। उन्होंने स्टीमेट को अप्रूव करने की प्रक्रिया ऑनलाइन करने का राज्य सरकारों को ही पावर दिए जाने की भी जानकारी दी और कहा कि योजना में कोई त्रुटि हो या बदलाव की जरूरत हो तो हम बदलाव भी करेंगे।
रूडी के द्वारा यह पूछा गया था कि बिहार जैसे गरीब राज्य है, जहां बड़ी संख्या में लोग इस तरह की योजनाओं का लाभ लेते हैं उन्हें समस्याएं झेलनी पड़ रही है अगर अस्पताल में गरीब भर्ती होकर 3 लाख का एस्टीमेट देता है तो पैसा उसके खाते में पहुंच जाता है लेकिन अगर उसका खर्च 4 लाख पहुंच जाए ,वह पैसा कहां से लाए , मुद्दा यह है।
रूडी ने आगे कहा मेरे हिसाब से केवल एक गारंटी सर्टिफिकेट जारी किया जाना चाहिए कि आप खर्च कीजिए पैसा मिल जाएगा इसे लेकर नीतिगत निर्णय की जरूरत है और इस निर्णय को जल्द लागू करने के बारे में स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने अपनी सहमति दी है।