द मिडिया टाईम्स डेस्क
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए दावेदारों के बीच कोहराम मचा हुआ है। इस समय एनसीपी शरद गुट की सबसे ज्यादा डिमांड देखी जा रही है। भाजपा, शिवसेना और एनसीपी अजीत गुट के कई विधायक और नेता टिकट की चाह में शरद पवार के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं।
इन दावेदारों में से कई विधायक और स्थानीय नेता अब तक पाला बदल चुके हैं। ताजा मामला एनसीपी अजीत गुट के बड़े नेता डॉ. राजेंद्र शिंगणे से जुड़ा है। शिंगणे ने अजीत पवार को समर्थन देने का फैसला किया था, जब एनसीपी में विभाजन हुआ था। लेकिन अब समय बदल चुका है और लोकसभा परिणामों के बाद स्थिति में भी बदलाव आया है।
विधानसभा चुनाव से पहले कई नेता शरद पवार के साथ लौटने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में, डॉ. राजेंद्र शिंगणे ने शरद पवार का दामन थाम लिया है। शनिवार को उनकी पार्टी में प्रवेश की रस्म पूरी हुई, जिसमें उन्होंने शरद पवार की उपस्थिति में और जयंत पाटिल के हाथों तुतारी ग्रहण की।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि महाराष्ट्र की राजनीति में टिकट की चाह में दावेदारों के बीच प्रतिस्पर्धा और भी तेज हो गई है। शरद पवार का प्रभाव और उनकी पार्टी में लौटने की होड़ इस बात का संकेत है कि आगामी चुनावों में एनसीपी का महत्व और बढ़ने वाला है।
इस प्रकार, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए हो रही इस होड़ ने राजनीतिक परिदृश्य को और भी रोचक बना दिया है। आगे क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।