महाराष्ट्र के पुणे और गोवा के बीच राष्ट्रीय सड़क मार्ग पर टायलेट का भयंकर अभाव। 

कुमारी रंजना, प्रधान संपादक द मीडिया टाइम्स

मोदी जी के घर घर शौचालय की योजना ने पूरे देश में शौचालय की आवश्यकता को एक महत्वपूर्ण क्रांति का रूप दिया था.खासकर महिलाओं को धयान में रखते हुए मोदी जी की यह योजना सफल भी रही लेकिन अगर देश के राष्ट्रीय सड़क मार्ग पर शौचालय की बात करें तो स्थिति इतनी दर्दनाक है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है.

‌महाराष्ट्र जैसे विकसित राज्य में पुणे से गोवा की दूरी लगभग 500 किलो मीटर की है.इतनी दूरी को अगर अपनी निज़ी कार या कैब से तय करने के लिए कम से काम दस घंटे की दूरी एक ओर से पूरी करनी होती है. इस दूरी को सफर में अगर महिला यात्री को करनी हो और अगर शौचालय की तलब हुई तो यह एक विकट समस्या है. इस राष्ट्रीय सड़क मार्ग पर एक भी पब्लिक टायलेट नहीं है.

सरकार ने सड़क तो बेहतरीन बनाया है लेकिन पब्लिक टायलेट बनाना भूल गई. दूसरी ओर जितने भी राष्ट्रीय हाइवे पर होटल हैं वहाँ शौचालय की स्थिति नर्क से भी बदतर है. एक ओर सरकार की उदासिनता और दूसरी ओर लोगों में सिविक सेंस का अभाव शौचालय की समस्या को राष्ट्रीय आपदा का रूप बना देती है

.महाराष्ट्र सरकार और खासकर नितिन गडकरी जी का ध्यान मीडिया टाइम्स इस ओर दिलाने की कोशिश करती है की नेशनल लेवल और स्टेट लेवल पर हाइवे पर इस नितांत जरूरत पर त्वरित कार्यवाही करें खासकर महिलाओं का ध्यान रखते हुए.

 

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